उत्तराखंड
जज्बे को सलामः सेना में लेफ्टिनेंट बनी उत्तराखंड की बेटी, पिता की मौत के बाद ऐसे पाया मुकाम…
कहते है न जहां चाह हो वहां राह बन जाती है। इस कथन को पूरा कर दिखाया है। उत्तराखंड की बेटी ने। पिता की मौत के बाद जहां लड़कियां टूट जाती है हिम्मत हार जाती है। वहीं एक बेटी ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए मिसाल कायम की है। कड़ी मेहनत और हौसले के दम पर महिका बिष्ट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बेटी के हौसले और संघर्ष को सलाम करते हुए उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग लगा है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अभी मित्र बिहार कालौनी देवलचौड़ हल्द्वानी निवासी महिका बिष्ट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनी है। महिका की हाईस्कूल तक की पढ़ाई होली सेपियंश स्कूल सितारगंज,इंटरमीडिएट डोन बास्को स्कूल हिम्मतपुर हल्द्वानी व बीएससी की पढ़ाई डीएसबी कैंपस नैनीताल से हुई है।
बताया जा रहा है कि महिका के पिता की राजन सिंह चीनी मिल सितारगंज में कार्यरत थे। साल 2014 में उनकी अचानक मौत हो गई थी। वह मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा ब्लॉक सांगड (चलनीछीना) निवासी थे। उनकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनका सपना बेटी को सेना में वर्दी पहने देखना था।
पिता के इस सपने को पूरा करने के लिए महिका ने जी जान से मेहनत की । जहां टूटे परिवार को महिका की मां इंद्रा बिष्ट ने संभाला। तो वहीं अपने पिता के हौसले और सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दिया। नतीजा महिका इंडियन आर्मी में बनी लेफ्टिनेंट बन गई। महिका के बडे भाई रचित बिष्ट इंटर नेशनल एयरपोर्ट दिल्ली में (Beam suntory) ब्रांड एम्बेसडर है । अभी परिवार हल्द्वानी में रहता है। महिका की कामयाबी से प्रदेश गौरवांवित महसस कर रहा है। तो वहीं हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है।
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