उत्तराखंड
सावधान! अब टेलीग्राम पर बिछा ठगी का जाल, ऐसे कर रहे लाखों की ठगी…
अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते है तो सावधान हो जाएं। साइबर ठग अब प्रदेश के युवाओं को टेलीग्राम एप पर पार्ट टाइम नौकरी और ज्यादा मुनाफा का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। देहरादून सहित प्रदेश में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके है। लालच और ज्यादा मुनाफे के चक्कर में फंसकर पढ़े लिखे लोग लाखों रुपये गंवा रहे हैं। साइबर ठग के जाल में युवतियां भी फंस रही हैं। ऐसे में पुलिस जहां मामले की जांच में जुटी है वहीं लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। आइए आपको बताते है कि किस तरह से लोगों से ठगी की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार शातिर ठग टेलीग्राम, व्हाटसऐप या अन्य सोशल मीडिया के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं। इसके बाद लिंक शेयर कर ज्यादा लाइक और शेयर करने का टास्क देते हैं। बदले में कुछ कमाई भी करवाते हैं और आपके बैंक खातों में ट्रांसफर भी करते हैं। बस यहीं से खेल शुरू हो जाता है। ज्यादा कमाई के लालच में आमजन ठगों के जाल में फंसने लगते है। पहले आपको वीडियो लाइक और शेयर करने का भुगतान किया जाता है। भरोसा जीतने के बाद आपसे निवेश कराकर कुछ टास्क दिया जाता है। आपकी रकम भी बढ़ती हुई दिखाएंगे और बाद में झांसे में लाकर आपके खाते से सारी रकम उड़ा दी जाती है। इसी तरह साइबर ठगों ने झांसा देकर दून निवासी एक व्यक्ति को टेलीग्राम एप के माध्यम से अधिक मुनाफे का झांसा देकर चार लाख रुपये ठग लिए गए है।
बताया जा रहा है कि पीड़ित परीक्षित कुमार निवासी सालावाला न्यू कैंट रोड ने डालनवाला कोतवाली में तहरीर दी है कि आठ दिसंबर को उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर ऑनलाइन मुनाफा कमाने का लालच दिया। व्यक्ति ने उनसे टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाया और इसके बाद रुपये निवेश करने को कहा। पहले 20 हजार रुपये का निवेश करवाया और इसके बदले 50 हजार रुपये देने का वादा किया। दूसरी किस्त में ठग ने 80 हजार रुपये निवेश करने को कहा। एक लाख रुपये जमा करवाने के बाद राशि दोगुना देने का झांसा देकर ठगों ने उनसे तीन लाख रुपये और जमा करवा दिए और चार लाख रुपये जमा करवाने के बाद पांच लाख रुपये और जमा करने को कहने लगे। ठगी का एहसास होने पर उन्होंने और रुपये जमा करने से मना किया तो ठगों ने उन्हें टेलीग्राम ग्रुप से हटा दिया। मामले में पुलिस ने तहरीर पर अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे करें बचाव
* सिक्योर वेबसाइट से ही डिजिटल मार्केटिंग करें] जिसमें एचटीटीपी के साथ एस भी लगा हो।
* किसी वेबसाइट पर यूआरएल से पहले लॉक का सिंबल देख लें, लॉक खुला दिखे तो समझ लें कि वह सुरक्षित नहीं है।
* इंसेटिव देने के लिए साइबर ठग आपका वॉलेट बनाते हैं। कई बार इसमें आपको लाखों और करोड़ रुपये तक आपके खाते में दिखते हैं। अधिकतर मामलों में यह छलावा साबित हुआ है।
* आपका वॉलेट या खाता खोलने के नाम पर आधार, मेल आईडी, मोबाइल नंबर जैसी सूचनाएं ली जाती हैं। कई बार साइबर ठग इनसे बैंकों में सांठगांठ कर आपके नाम से ही अलग खाता खोलकर ठगी कर लेते हैं।
* मेल या व्हाट्सएप पर टू स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करके रखें। वर्ना व्हाट्सएप या आईडी को आसानी से हैक करके ठगी की जा सकती है।
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