उत्तराखंड
श्री यमुनोत्री धाम के कपाट हुए बंद, मां यमुना के जयघोष से गूंजा आसमान…
उत्तराखंड के चार धामों में विशिष्ट महत्व रखनेवाले केदारनाथ धाम के बाद अब श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो गए हैं। गुरुवार को यमुनोत्री धाम के कपाट विधि- विधान से समारोह पूर्वक बंद किए गए। इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। वहीं मां यमुना के जयघोष के साथ आसमान गूंज उठा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज अपराह्न 12 बजकर 09 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये हैं। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली शनिदेव सोमेश्वर देवता की डोली के साथ शीतकालीन प्रवास खरशाली( खुशीमठ) रवाना हो गयी तथा अपने शीतकालीन प्रवास में विराजमान हो गयी है। इस यात्रा वर्ष 4 लाख 86 हजार तीर्थयात्रियों ने यमुनोत्री धाम के दर्शनों का पुण्य अर्जित किया।
मान्यता है कि भैया दूज के दिन यम देव अपनी बहिन यमुना जी को मिलने पृथ्वी लोक तक आते हैं। कहते हैं कि मां यमुना को यम देव ने वरदान दिया था कि भैया दूज के दिन जो भाई अपनी बहिन का आदर -सत्कार करेगा उसके संताप मिट जायेंगे। वह मृत्यु भय तक से मुक्त हो जायेगा। मां यमुना के एक भाई शनि देव भी है।
बताया जा रहा है कि आज श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया में यमुना जी के भाई शनिदेव श्री सोमेश्वर देवता खरशाली से डोली में बैठकर अपनी बहिन को मायके बुलाने यमुनोत्री धाम पहुंचे। इसी के साथ मां यमुना की स्तुति के साथ ही विधि-विधान से यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये।

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