उत्तराखंड
Success Story: अल्मोड़ा डीएम IAS वंदना सिंह चौहान ने परिवार के खिलाफ जाकर की पढ़ाई, ऐसे पाया मुकाम…
देहरादून: बेटीयां चाहे तो हर मुकाम हासिल कर सकती है। अल्मोड़ा की वर्तमान IAS वंदना सिंह चौहान की कहानी भी ऐसी ही है। उन्होंने कहा था कि जहां चाह वहां राह के कथन को सही सिद्ध कर दिखाया है। उन्होंने परिवार से, समाज की सोच से लड़ कर और फिर सेल्फ स्टडी कर पहले ही प्रयास में AIR 8 हासिल कर मुकाम हासिल किया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वंदना की पढ़ाई में रुचि होने के बावजूद घर के बड़े-बुज़ुर्ग नहीं चाहते थे कि वंदना ज़्यादा पढ़ाई-लिखाई करे। चूंकि वंदना सिंह के गांव में कोई अच्छा स्कूल नहीं था। इसलिए उनके भाईयों को पढ़ने के लिए पिता महिपाल सिंह ने बाहर भेजा। ऐसे में वंदना को भी अच्छे स्कूल से पढ़ाई करने का इंतज़ार था। मगर पिता ने वंदना के लाख बार सवाल करने के बाद भी जब मांग को अनसुना किया तो वंदना ने पिता पर ही सब्र का बांध तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि उन्होंने घर में लड़ाई की जिसके बाद वंदना के पिता ने उन्हें मुरादाबाद कन्या गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा। गुरुकुल में जो अनुशासन का पाठ पढ़ा था वो UPSC की तैयारी में मददगार साबित हुआ। वो सिर्फ कमरे में रहकर पढ़ाई करती थी। दिन में पढ़ाई का सिलसिला 18-20 घंटे तक चलता था। वंदना ने 12वीं के बाद वकालत की और UPSC की तैयारी भी शुरू कर दी। मेहनत रंग लाई और वंदना को UPSC 2012 परीक्षा में AIR8 मिला।
हालांकि बताया जाता है कि बेटी के इस फैसले से वंदना के दादा, ताऊ और चाचा खुश नहीं थे। मगर पिता और बेटी निकल पड़े सपने पूरे करने की तरफ। कुछ इस तरह परिवार से लड़कर, समाज की रूढ़िवादी सोच को कूचलकर वंदना सिंह चौहान, IAS वंदना सिंह चौहान बनीं। वर्तमान में वंदना सिंह चौहान अल्मोड़ा की जिलाधिकारी हैं।

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