न्यूगो ने भारत के हरित परिवहन आंदोलन को गति देने के लिए अपने कोच-कैप्टन को कौशल प्रशिक्षण दिया - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
Connect with us

न्यूगो ने भारत के हरित परिवहन आंदोलन को गति देने के लिए अपने कोच-कैप्टन को कौशल प्रशिक्षण दिया

उत्तराखंड

न्यूगो ने भारत के हरित परिवहन आंदोलन को गति देने के लिए अपने कोच-कैप्टन को कौशल प्रशिक्षण दिया

देहरादून – 21 जुलाई 2025: जैसे-जैसे दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों (ईवी) की ओर बढ़ रही है, इस बदलाव की सफलता सिर्फ तकनीक पर नहीं, बल्कि उन लोगों पर भी निर्भर करती है जो इन्हें चलाते हैं। यही सोच है ग्रीनसेल मोबिलिटी की इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा न्यूगो के पीछे, जिसने इस चुनौती का सामना करने के लिए एक खास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम न्यूगो के कोच-कैप्टन (ड्राइवरों) को इलेक्ट्रिक बसों की जरूरतों के मुताबिक तैयार करता है। भारत की सबसे बड़ी प्रीमियम इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा के रूप में न्यूगो का फोकस सस्टेनेबिलिटी, सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा पर है।

न्यूगो ने एक सशक्त और आधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जो सुरक्षा, यात्रियों के आराम और कर्मचारियों के व्यक्तिगत विकास को केंद्र में रखता है। यह कार्यक्रम इलेक्ट्रिक बसों की तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है और अब यह भारत के परिवहन क्षेत्र में एक नई मिसाल बनता जा रहा है। अब तक 3,000 से अधिक कोच-कैप्टन और 400 कोच-होस्ट (ऑनबोर्ड स्टाफ) इस प्रशिक्षण को पूरा कर चुके हैं। यह न्यूगो की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें वह अपनी टीम को दक्ष बनाकर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना चाहता है। इस कार्यक्रम का मुख्य हिस्सा एक हफ्ते का शुरुआती प्रशिक्षण है, जो नए कोच-कैप्टन और कोच-होस्ट्स के लिए है। इसमें कक्षा में पढ़ाई, सिम्युलेटर पर अभ्यास और असली रास्तों पर ड्राइविंग शामिल है, ताकि नए कर्मचारी पहले दिन से सड़क के लिए तैयार हों और यात्रियों का ध्यान रख सकें।

न्यूगो के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 11 खास मॉड्यूल हैं, जिसमें 8 डिफेंसिव ड्राइविंग टेक्निक्‍स और 3 कस्‍टमर एक्‍सपीरियंस एवं व्‍हीकल फैमिलराइजेशन मॉड्यूल्‍स शामिल हैं। यह प्रशिक्षण कोच-कैप्टन को रीजेनरेटिव ब्रेकिंग, बैटरी बचाने वाली ड्राइविंग और चार्जिंग सिस्टम की जानकारी देता है, ताकि वे पर्यावरण के अनुकूल परिवहन में निपुण हो सकें। इसके अलावा, यह कार्यक्रम हाई-वोल्टेज सिस्टम की सुरक्षा और यात्रियों से अच्छे व्यवहार पर भी ध्यान देता है, जिससे कोच-कैप्टन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) आंदोलन के लिए प्रेरक बन जाते हैं।

न्यूगो का प्रशिक्षण दिल्ली, इंदौर, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में इसके डिपो पर मौजूद विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता है। यह सिर्फ एक बार का प्रशिक्षण नहीं है—हर तीन महीने में रिफ्रेशर ट्रेनिंग जरूरी है, जिसमें ब्लाइंड स्पॉट जागरूकता, L-शेप रिवर्सिंग और पैरेलल पार्किंग जैसे व्यावहारिक टेस्ट शामिल हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के लिए कर्मचारियों को तैयार करने का एक नया तरीका पेश करता है। यह दिखाता है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ने के लिए कर्मचारियों के कौशल, सुरक्षा और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाना जरूरी है।

Latest News -
Continue Reading
Advertisement

More in उत्तराखंड

Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड

देश

देश

YouTube Channel Pahadi Khabarnama

Our YouTube Channel

ADVERTISEMENT

Advertisement
Advertisement

Popular Post

Recent Posts

To Top
0 Shares
Share via
Copy link