नए ईडी ने कार्यभार ग्रहण करते ही सुधार दी डोईवाला चीनी मिल की रंगत... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
Connect with us

नए ईडी ने कार्यभार ग्रहण करते ही सुधार दी डोईवाला चीनी मिल की रंगत…

देहरादून

नए ईडी ने कार्यभार ग्रहण करते ही सुधार दी डोईवाला चीनी मिल की रंगत…

Dehradun. बूढी और बीमार हो चुकी डोईवाला चीनी मिल को करोड़ों के घाटे से उबारना कोई आसान काम नहीं है।

यही कारण है कि चीनी मिल में अभी तक जितने भी अधिशासी निदेशक आए हैं। उन्होंने अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करते हुए चीनी मिल को घाटे से उबारने की कोशिशें की हैं। लेकिन ये कोशिशें पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई हैं।

जिस कारण शुगर मिल हर पेराई सत्र में घाटे में चली जाती है। और किसानों को गन्ने के भुगतान को सरकारी खजाने से पैसा देना पड़ता है।

लेकिन अब डोईवाला चीनी मिल को एक ऐसा अधिकारी मिला है। जो जी-जान से बूढी और बीमार चीनी मिल की न सिर्फ रंगत बदलने में जुटा है। बल्कि मिल को घाटे से भी उबारने को कई नए कदम उठा रहा है।

मिल के नए अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने इस पेराई सत्र के कुछ ही दिन पहले कार्यभार ग्रहण करते हुए एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए हैं। जो चीनी मिल को मुनाफे की ओर ले जाते दिख रहे हैं।

इसकी एक झलक बीते 24 नवंबर को पेराई सत्र वाले दिन देखने को मिली थी। जब मिल को खूब सजाकर चारों तरफ साफ-सफाई और मिल के परिसर को भी पक्का किया गया था।

यह भी पढ़ें 👉  Uttarakhand: बिजली का लगना था नया कनेक्शन, मांग रहे थे पांच हजार, दो कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार...

मुख्य अतिथियों के लिए पहली बार चकाचक मंच सजाया हुआ था। मिल परिसर में चारों तरफ धूल को कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया गया था। जो लगातार जारी है।

सार्वजनिक क्षेत्र की डोईवाला चीनी मिल की मशीनरी अत्यंत पुरानी होने के कारण पिछले कई वर्षों से मिल अपनी पूर्ण पेराई क्षमता के अनुरूप कार्य नही कर पा रही थी।

और अन्य कारणों से लगातार घाटे में जा रही है। जिस कारण क्षेत्रीय किसान, कर्मचारी, व्यापारी, मिल से जुड़े कर्मचारी व अन्य व्यवसायियों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

ऐसी परिस्थितियों के बीच बीते 31 अक्टूबर को पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह द्वारा चीनी मिल में अधिशासी निदेशक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया गया। उनके पास इस प्रभार के अतिरिक्त शासन में भी अन्य दायित्व हैं।

जिसके बाद उन्होंने मिल को सुधारने के लिए दिन रात मेहनत की। और मील में सुधार के लिए योजनाबद्ध तरीके से मिल के अधिकारियों कर्मचारियों का मार्गदर्शन किया।

और मिल के हित में कई निर्णय लिए। जिस कारण चीनी मिल में सुधार देखने को मिल रहा है। और मिल में शत-प्रतिशत क्षमता के अनुरूप पेराई कार्य किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  Uttarakhand: बिजली का लगना था नया कनेक्शन, मांग रहे थे पांच हजार, दो कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार...

अब चीनी मिल के पेराई सत्र को शुरू हुए लगभग 14 दिन हो चुके हैं। इन 14 दिनों में चीनी मिल की परफॉर्मेंस की बात करें तो बुधवार सुबह तक चीनी मिल कुल दो लाख 42 हजार कुंतल गन्ने की पेराई कर चुकी है।

वहीं रिकवरी की बात करें तो पिछले वर्ष की तुलना में इस पेराई सत्र में अब तक चीनी की रिकवरी भी आधा प्रतिशत अधिक हुई है।

इस पेराई सत्र में वर्तमान में चीनी की रिकवरी दर साठे आठ से ऊपर चल रही है। कम समय में अधिक पेराई और रिकवरी दर अधिक होने का सीधा मतलब चीनी मिल अपनी घाटे को कम कर मुनाफे की तरफ बढ रही है।

इतना ही नहीं बीमार और बूढी हो चली चीनी मिल का इस बार 99 फीसदी तक उपयोग किया जा रहा है। जौलीग्रांट के किसान आदेश

कृषाली ने कहा कि चीनी मिल में इस बार गन्ना किसानों के लिए कई कार्य किए गए हैं। जिनसे किसानों को लाभ मिल रहा है।

वहीं दूधली क्षेत्र के किसान उमेद बोरा ने कहा कि नए अधिशासी निदेशक चीनी मिल और किसानों के हित में पूरी मेहनत से जुटे हुए हैं। जिसका निश्चित रूप से किसानों और चीनी मिल दोनों को लाभ मिलेगा।

यह भी पढ़ें 👉  Uttarakhand: बिजली का लगना था नया कनेक्शन, मांग रहे थे पांच हजार, दो कर्मचारी रिश्वत लेते गिरफ्तार...

किसानों के लिए किए गए यह कार्य

डोईवाला। कृषकों द्वारा मिल में विश्राम गृह, स्वच्छ पेयजल, शौचालय कैंटीन, और केन यार्ड को पक्का करने की मांग विगत कई वर्षों से

की जा रही थी जो इस पेराई सत्र में मिल प्रशासन ने पूरी कर दी है। वर्तमान पेराई सत्र के लिए चीनी मिल की पेराई लक्ष्य 32 लाख कुंतल रखा गया है।

 

चीनी मिल के पूर्ण कृषि क्षेत्र से पिछले 3 वर्षों में 93 फीसदी से अधिक शीघ्र प्रजाति का गन्ना पैदा किया जा रहा है। जिससे इस बार चीनी मिल को पिछले अन्य वर्षो के मुकाबले लाभ मिलने की संभावनाएं जताई गई हैं।

अधिशासी निदेशक ने मंदिरों और गुरूद्वारे में मत्था टेका

डोईवाला। नए अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह ने पेराई सत्र शुरू होने के बाद चीनी मिल की खुशहाली के लिए क्षेत्र के पवित्र सिद्ध पीठों कालू सिद्ध और लक्ष्मण सिद्ध मंदिरों और गुरूद्वारों में जाकर मत्था टेका।

अधिशासी निदेशक ने कहा कि चीनी मिल किसानों की है। जिसे मिल कर्मचारियों और किसानों दोनों के सहयोग से और बेहतर बनाया जा सकता है।

Latest News -
Continue Reading
Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in देहरादून

Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड
Advertisement

देश

देश

YouTube Channel Pahadi Khabarnama

Our YouTube Channel

ट्रेंडिंग खबरें

Recent Posts

To Top
5 Shares
Share via
Copy link