देहरादून
श्रीराम गौधाम सेवा समिति पेश कर रही मिसाल, गौसेवा के लिए लिया बड़ा संकल्प…
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन में जहां लोग खुद को बचाने में और अपनी आर्थिक व्यवस्था के अस्त-व्यस्त होने से परेशान थे। तो वहीं देवभूमि की तीर्थनगरी ऋषिकेश के जगदीश प्रसाद भट्ट ने एक अनोखा प्रण लिया और वह इस काम में जुट गए । ये प्रण था गौ सेवा करने का। जेपी भट्ट ने अवारा घूम रही पशुओं को खाना खिलाने उनकी देखभाल करने का बिड़ा उठाया। गौ सेवा करने का जज्बा वक्त के साथ कम नहीं हुआ बल्कि आज भी जेपी भट्ट गौसेवा कर रहे। उन्होंने एक समिति बनाई है। जिसमें वह लोगों से सहयोग करने और गौ सेवा करने की अपील कर रहे है।
जगदीश प्रसाद भट्ट बताते है कि वह गौ माता के अंदर सभी देवी देवताओं का वास होता है मेंने अपनी दिनचर्या के सभी कामों में गौ सेवा को भी शामिल कर रखा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लोग डाउन के दौरान उन्होंने सड़कों पर जब घूम रही गाय को देखा तो उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की मां गौ माता को बचाने और उनकी देखभाल करने का प्रण लिया।
उन्होंने 23मार्च 2020 में इस कार्य की शुरूआत की थी। उन्होंने सोचा था कि वह लॉकडाउन तक गौ सेवा करेंगे। लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक उनकी जिंदगी है वह तबतक अपनी आखिरी श्वास तक गौ सेवा करेंगे। उन्होंने इसके लिए श्रीराम गौधाम सेवा समिति बनाई। इस समिति के लोग प्रतिदिन गौसेवा कर रहे। वर्तमान में ऋषिकेश में करीब 2700 गाय की सेवा की जा रही। जहां सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम को 4 बजे सात बजे तक गाय की देखभाल होती है। इतना ही नहीं समिति द्वारा ठिठुरती सर्दी मे सडकों पर घुम रहे निराश्रित पशुओं के लिये प्रतिदिन चारे के अलावा उनके लिये सर्दी से बचने के लिये शरीर पर बांधने वाले कंबलों की व्यवस्था की जाती है।
तेज वाहनों की चपेट मे आये घायल पशु हो या रात के अंधेरे मे गुलदार द्वारा घायल किये गये बेसहारा जानवर उनको चिकित्सा उपलब्ध करवाना हो। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि कुछ गाय दूध ना देने पर लोगों द्वारा छोड़ी गई थी जो आवारा घूम रही थी। इनको भी पकड़ कर दिन-रात इनकी सेवा की जा रही हैं। उन्होंने लोगों से गौ माता को ऐसे न छोड़ने और गौमाता की सेवा करने की अपील की है। वह इसके लिए गांव-गाव जाकर लोगों को जागरूक कर रहे है। उनका प्रयास है कि ये कार्य रुके नहीं।
जगदीश भट्ट ने संकल्प लिया है कि वो आजीवन गौ माता की सेवा करते रहेंगे। उन्होंने प्रण लिया है कि गौ माता के लिए इतना कर के जायेंगे उनके बाद भी सेवा निरतंर चलती रहे। उनका मानना है कि उन्होंने अपने जीवन से एक सिख ली की ईश्वर की चरणों की प्राप्ति करना है तो इन गौ माता की सेवा करना पड़ेगा क्योकि जिन गौ माता के शरीर मे 33 करोड़ देवी देवता विराजमान है अगर हमने उन गौ माता की सेवा कर ली तो समझो 33 करोड़ कोटि देवी देवता की सेवा कर ली। उन्होंने इसके लिए विशेषकर युवा वर्ग और देवता समान बुजुर्ग सभी मिलकर गौ माता की सेवा के लिए आगे आने और मिलकर गौ माता की सेवा करने की अपील की है।
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