उत्तराखंड
रुद्रप्रयाग की महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर, पिरूल हस्तशिल्प से खुले स्वरोजगार के नए द्वार
जनपद रुद्रप्रयाग में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को न केवल रोजगार से जोड़ा जा रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में जखोली ब्लॉक के जवाड़ी गांव में “जय रुद्रनाथ स्वायत्त सहकारिता से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पिरूल हस्तशिल्प का दस दिवसीय प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया गया है।
यह प्रशिक्षण “पिरूल वीमेन” के नाम से प्रसिद्ध प्रशिक्षका श्रीमती मंजू आर. साह द्वारा प्रदान किया गया है, जो इस क्षेत्र में पिरूल आधारित हस्तशिल्प के जरिए महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (REAP) के अंतर्गत संचालित किया गया है।
उक्त के क्रम मैं REAP परियोजना के जिला परियोजना प्रबंधक ब्रह्मकांत भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाते हुए उन्हें स्थानीय स्तर पर आजीविका से जोड़ना है। प्रशिक्षण में ग्रामीण महिलाओं को पिरूल (सूखी चीड़ की पत्तियों) से विभिन्न प्रकार की उपयोगी और सजावटी कलाकृतियाँ बनाना सिखाया गया है, जिनमें टोकरियाँ, साज-सज्जा की वस्तुएं, पेन स्टैंड , गुलदस्ता , ट्रे, और अन्य हस्तशिल्प उत्पाद शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पिरूल, जो अक्सर जंगलों में आग लगने का कारण बनता है, अब महिलाओं के लिए आय का स्रोत बन सकता है। यह पहल न केवल पर्यावरण की दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि यह पहाड़ की महिलाओं को घर बैठे आजीविका अर्जन करने का अवसर भी प्रदान करती है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाएं स्थानीय बाजार ,श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यमों से भी अपने उत्पादों को विपणन कर सकेंगी।

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