उत्तराखंड
आइआइटी रुड़की की प्रोफेसर ने की खोज, एंटीबायोटिक शक्ति बढ़ाने वाले विशिष्ट जीवाणु खोजा
वर्तमान में विश्वभर के विज्ञानी जीवाणु प्रतिरोध का मुकाबला करने और प्रभावी जीवाणुरोधी लक्ष्यों की पहचान करने की दिशा में शोध कर रहे हैं। इस क्षेत्र में अब आशा की एक किरण दिखाई है आइआइटी रुड़की की प्रो. रंजना पठानिया ने।
उनके नेतृत्व में शोध समूह ने एंटीबायोटिक शक्ति को बढ़ाने एवं अधिक प्रभावी बनाने के लिए विशिष्ट जीवाणु की पहचान की है। इससे दवा प्रतिरोधी संक्रमणों से निपटने के लिए नए मार्ग खुलेंगे।
विज्ञानियों ने हालिया अध्ययन में पता लगाया कि एलडी-ट्रांसपेप्टिडेज ए (एलडीटीए) नामक एक विशिष्ट जीवाणु प्रोटीन बैक्टीरिया को मेसिलिनम सहित जीवाणुरोधी दवाओं को लक्षित करने वाले राड कांप्लेक्स के प्रभावों से बचने में मदद करने में अहम भूमिका निभाता है।
मेसिलिनम का उपयोग आमतौर पर मूत्रपथ के संक्रमण (यूटीआइ) के इलाज के लिए किया जाता है। जब एलडीटीए उच्च मात्रा में मौजूद होता है, तो बैक्टीरिया इस प्रमुख एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर सकते हैं।
प्रो. रंजना पठानिया ने बताया कि यह शोध वैश्विक स्वास्थ्य की रक्षा करने और एंटीबायोटिक दवाओं की शक्ति को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस अध्ययन के निष्कर्ष प्रतिष्ठित एसीएस संक्रामक रोग पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

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