उत्तराखंड
बढ़ने लगे आई फ्लू के मामले, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये दिशा निर्देश..
उत्तराखंड के साथ राजधानी देहरादून में कंजेक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बिमारी के बारे में दिशा निर्देश जारी करते हुए प्रयाप्त रूप से जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए हैं। लगातार लोगों से आइसोलेट होने को कहा जा रहा है आंख की बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन या संक्रमण कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) या आँख आना, कंजक्टिवा नाम की आंख की परत की जलन या सूजन है, जो आंख की पुतली के सफेद हिस्से को प्रभावित करती है, जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है।
कंजक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है। इस बीमारी को मेडिकल की भाषा में एडिनोवायरस बोला जाता है जो एक तरह का वायरस होता है। यह एक दूसरे के संपर्क में आने पर फैलता है।
स्वास्थ्य सचिव ने इस मामले में सभी चिकित्साअधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान में कन्जक्टिवाइटिस (आई फ्लू) रोग एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है जो कि एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है और काफी संक्रामक हो सकता है।
उपरोक्त के क्रम में कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु चिकित्सालय स्तर पर समस्त आवश्यक औषधियों की उपलब्धता एवं अन्य तैयारियां सुनिश्चित रखें। कन्जक्टिवाइटिस रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस के मध्य जागरूकता की जाये (जागरूकता सामग्री की प्रति संलग्न)। अतः उपरोक्तानुसार आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
लक्षण-
आंखों में लाली आना
लगातार खुजली जलन होना धुंधली दृष्टि एवं नम आंखें
.प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
सूजी हुई पलकें
पलकों का पपडी दार होना
दृष्टि संबंधित समस्याएं
संक्रमण को फैलने से कैसे रोके?
कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है, इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें
• अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुए।
• जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स ( आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज़ धोएं।
क्या करें
• जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
• अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज धोएं।
• विशेषज्ञ से संपर्क करके इलाज करायें।
• घर से बाहर या धूल में निकलने से पहले चश्मा पहनना।
• अपने तकिए कवर को बार-बार बदलें।
क्या ना करें
• अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं।
• आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।
• अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स ( आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें।
• खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं याँ आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें।
• आंखे ठीक होने तक आपको कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचना चाहिए।
• काजल जैसे ब्यूटी प्रोडक्ट को शेयर न करें।
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