देहरादून
उत्तराखंडः सब्जी बेचने वाले की बेटी बनी भारतीय टीम का हिस्सा, कभी जूते, ड्रेस के लिए नहीं थे पैसे…
देहरादून: कुछ करने की चाह हो तो परेशानियां कदम नहीं रोक सकती है। हौसलों में उड़ान होनी चाहिए मंजिल कदम चूमती है। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है देहरादून की अंजना थापा ने। अंजना का सपना और जज्बा ही उसे आज टीम इंडिया तक ले गया है। अंजना के पिता सब्जी का ठेला लगाते है और बेटी कड़ी मेहनत और अपनी प्रतिभा के दम से भारतीय फुटबॉल टीम का हिस्सा बन गई है।अंजना का चयन भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ( अंडर 20 ) में हुआ है। उनकी कामयाबी से प्रदेश को उनपर गर्व है।
बता दें कि उत्तराखंड की होनहार बेटियां हर क्षेत्र में कमाल कर रही है। इस कड़ी में अंजना थापा का नाम भी जुड़ गया है। अंजना के साथ ही उत्तराखंड का नाम भी फुटबॉल की लिस्ट में शामिल हो गया है। देहरादून के गलज्वाड़ी, इंदिरानगर निवासी मन बहादुर थापा की बेटी को अंजना को यहां तक पहुंचने में काफी दिक्कतों को सामना करना पड़ा। उन्होंने विषम परिस्थिति से लड़कर ये मुकाम हासिल किया है। यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। अंजना के लिए फुटबाल किट, जूते, ड्रेस के साथ ही खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने में दिक्कत होती थी लेकिन कोच ने उनका साथ दिया।
बताया जा रहा है कि अंजना के पिता गढ़ी कैंट में सब्जी की ठेली लगाते हैं। दून के बसंत विहार स्थित फुटबाल अकादमी से अंजना ने पांच साल फुटबाल की बारिकियों को सीखा। अंजना ने नेशनल कैंप में भी हिस्सा लिया था। इसके बाद उनके खेल ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया और वह टीम का हिस्सा बनने में सफल रही है। अंजना के कोच रहे पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विरेन्द्र सिंह रावत हैं। अंजना उनकी अकादमी में कोचिंग लेती रही थी। कड़ी मेहनत लगन के चलते अब अंजना का चयन भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ( अंडर 20 ) में हुआ है। उनकी कामयाबी पर जहां कोच परिवार को उनपर गर्व है। वहीं उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है।

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