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चंद्रयान 3 पहुंचा चांद की सतह के करीब; इस दिन होगी लैंडिंग, जानिए
भारत का तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ बुधवार को कक्षा में नीचे लाए जाने की एक और सफल प्रक्रिया से गुजरने के साथ ही चांद की सतह के और नजदीक आ गया। ‘चंद्रयान-3’ का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ट्वीट में कहा, “चंद्रमा की सतह के और नजदीक । आज की गई प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा घटकर 174 किमी x 1437 किमी रह गई है।” इसरो ने आगे कहा कि अगली प्रक्रिया 14 अगस्त 2023 को पूर्वाह्न 11:30 से अपराह्न 12:30 बजे के बीच निर्धारित है।
इसरो सूत्रों के मुताबिक, अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के करीब लाने के लिए दो और प्रक्रियाएं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि ये प्रक्रियाएं 14 और 16 अगस्त को 100 किमी की कक्षा तक पहुंचने के लिए की जाएंगी, जिसके बाद लैंडर और रोवर से युक्त ‘लैंडिंग मॉड्यूल’ आगे की प्रक्रिया के तहत ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा। इसके बाद, लैंडर के ‘डीबूस्ट’ (धीमे होने की प्रक्रिया) से गुजरने और 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है।
22 दिन के सफर के बाद चंद्रयान पांच अगस्त को शाम सवा सात बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। चंद्रयान के कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैद की थी। इसरो ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया है। इन तस्वीरों में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं। यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैद हो सके, इसके लिए उसकी गति कम की गई।
गति कम करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1835 सेकंड यानी के पास करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू की गई थी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा और इसी के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान बन जाएगा। चंद्रमा पर उतरने वाले पिछले सभी अंतरक्षि यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, चंद्र भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में कुछ डिग्री अक्षांश पर उतरे हैं।

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