उत्तराखंड
सावधान: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने चेताया, बच्चों पर संक्रमण का रहेगा कई महीनों तक असर…
दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर चर्चा तेज हो गई है, इसका मुख्य कारण एक बार फिर से कोरोना के रोजाना के आंकड़ों में देखी जा रही उछाल है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस बढ़ते देखे जा रहे हैं। रिपोर्ट से कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होने के दावे किए जा रहे हैं। अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना से उबरने के तीन महीने बाद भी हर सात बच्चों में से एक को इस वायरस संबंधी लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और यूसीएल के प्रोफेसर टेरेंस स्टीफेंसन ने कहा, ‘बच्चों में सिरदर्द और थकान सबसे आम समस्या पाई गई है।’
आपको बता दें कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियों में तेजी से बदलाव आया है। वैक्सीनेशन के साथ ही कई अन्य बातों को लेकर भी चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया है। इस बीच बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर का ख़तरा मंडरा रहा है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कालेज लंदन (यूसीएल) और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के शोधकर्ताओं ने बच्चों पर कोरोना के लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अध्ययन कर हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना से उबरने के बाद भी बच्चों पर कई महीने तक संक्रमण का गहरा प्रभाव रहेगा। कोरोना पाजिटिव रहे बच्चों में से 14 फीसद में तीन या ज्यादा लक्षण पाए गए। जबकि सात फीसद में पांच या ज्यादा लक्षण मिले।
बात दें कि अपने तरह के इस सबसे बड़े अध्ययन में इंग्लैंड में 11 से 17 वर्ष की उम्र के 3,065 बच्चों पर सर्वे किया गया। ये बच्चे इस वर्ष जनवरी से मार्च के दौरान पीसीआर टेस्ट में पाजिटिव पाए गए थे। इस अवधि में निगेटिव पाए गए इसी उम्र के 3,739 बच्चों पर भी गौर किया। कोरोना टेस्ट के 15 हफ्ते बाद यह सर्वे किया गया। अध्ययन में कोविड पॉजिटिव और निगेटिव समूहों में लक्षणों के मामले में काफी अंतर पाया गया है। कोविड पाजिटिव पाए गए बच्चों में 15 सप्ताह बाद भी तीन या उससे ज्यादा लक्षणों वाले की संख्या दोगुनी थी।
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