पौड़ी गढ़वाल
कारनामा: नगर निगम के खाते से लाखों की रकम पर लगा चूना, अब क्या हो रही कार्रवाई पढ़िए…
कोटद्वारः उत्तराखंड में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है इस बात का अंदाजा इस खबर से लगाया जा सकता है। ठगों ने नगर निगम के ही खाते में सेंध लगाकर बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया है। ठगों ने कोटद्वार नगर निगम के खाते से 23 लाख रुपए उड़ा लिए है। वो भी फर्जी साइन करके। अब आप अंदाजा लगा सकते है जब नगर निगम तक को चुना लगाया जा सकता है तो आम जनता का क्या होगा। वहीं चेकबुक पर फर्जी साइन का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि कोटद्वार नगर निगम के खाते की चेक बुक पर जाली हस्ताक्षर कर 23 लाख रुपये निकाले गये हैं। बैंक ऑफ इंडिया की ओर से नगर निगम को पूर्व में जारी दो चेक बुक में नगर आयुक्त व लेखा अधिकारी के जाली हस्ताक्षर कर धनराशि निकाली गई है। सूत्रों की मानें तो यह धनराशि पिछले दो महीनों में निकाली गई। इस संबंध में जब बैंक से जानकारी ली गई तो निगम प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई। चेकों में नगर आयुक्त के साथ ही लेखाधिकारी के जाली हस्ताक्षर थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त पीएल शाह की ओर से कोटद्वार कोतवाली में पूरे मामले से संबंधित तहरीर दी गई। कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि तहरीर के आधार पर छह संदिग्धों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।नगर आयुक्त की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि कोटद्वार नगर निगम का गठन तीन वर्ष पहले हुआ था। निगम के गठन से पूर्व सभी बैंक खातों का संचालन नगर पालिका कोटद्वार के नाम से होता था। इसी क्रम में कोटद्वार नगर पालिका ने 1979 में बैंक आफ इंडिया की कोटद्वार शाखा में एक खाता खोला। 23 अगस्त 2005 को नगर पालिका और तीन फरवरी 2018 को नगर निगम के नाम इस खाते से दो चेकबुक जारी की गई। नगर निगम प्रशासन की मानें तो इन चेकबुकों के संबंध में निगम प्रशासन के पास कोई जानकारी नहीं थी। दो-तीन दिन पूर्व खातों की जांच के दौरान पता चला कि इन चेकबुकों के जरिये बैंक से करीब 23 लाख की धनराशि आहरित की गई।
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