चमोली
माउंट त्रिशूल एवलॉन्च: भारतीय सेना के चार जवानों का शव बरामद, शोक की लहर, कई जवान अभी भी लापता…
चमोली: उत्तराखंड से दर्दनाक खबर सामने आ रही है। यहां माउंट त्रिशूल पर्वत पर एवलॉन्च की चपेट में आकर 10 सदस्यीय दल में से चार पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी। जबकि, दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। ऐसे में रेक्स्यू टीम को कल दोपहर त्रिशूल पर्वत के आसपास कुछ पर्वतारोही बर्फ में दबे दिखे थे। जिसके बाद रेस्क्यू टीम आज सुबह हेलीकॉप्टर से चार पर्वतारोहियों के शवों को लेकर जोशीमठ पहुंची है। जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी में रखा गया है। जिससे शहर में शोक की लहर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चमोली के सुतोल गांव से होते हुए त्रिशूल पर्वत फतह करने गए जवानों के साथ ग्लेशियर खिसकने से 1 अक्टूबर की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया था। जिसमें कुल 6 सैनिकों सहित 1 शेरपा भी एवलॉन्च की चपेट में आ गए थे। जिसमें निम और सेना द्वारा चलाये गए संयुक्त अभियान में 4 जवानों के शवों को बरामद कर लिया गया है। जिनके शवों को आज हेलीकाप्टर के जरिये जोशीमठ सेना के हेलीपैड पर लाया गया है। जबकि, लापता एक जवान और पोर्टर की तलाश जारी है। अभियान में 13 वर्षीय काम्या और उसके पिता के साथ अन्य सभी लोग सुरक्षित हैं, वे वापस सुतोल पहुंच चुके हैं। साथ ही सुतोल गांव के दो पोर्टर भी इस अभियान से सुरक्षित वापस लौट आये हैं। जिसके बाद निम और सेना ने पर्वतारोहियों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू अभियान चला रखा था।
वहीं, रेस्क्यू टीम को त्रिशूल पर्वत पर चार पर्वतारोहियों के शव दिखाई दिए थे। जो लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और एमसीपीओ हरिओम के थे। जिन्हें आज हेलीकॉप्टर के जरिए जोशीमठ लाया गया है। वहीं, इस घटना पर रक्षा मंत्री ने किया ने भी दु:ख जताते हुए ट्वीट किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि त्रिशूल पर्वत पर भारतीय नौसेना के पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा रहे चार नौसेना कर्मियों की दुखद मौत से गहरा दुख हुआ। इस त्रासदी में राष्ट्र ने न केवल अनमोल युवा बल्कि साहसी सैनिकों को भी खोया है।
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