गौ माता के जयकारे के साथ श्रीनगर पहुंची "गौ बचाओ जन जागरण रथ यात्रा", ये है यात्रा का उद्देश्य... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
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गौ माता के जयकारे के साथ श्रीनगर पहुंची “गौ बचाओ जन जागरण रथ यात्रा”, ये है यात्रा का उद्देश्य…

चमोली

गौ माता के जयकारे के साथ श्रीनगर पहुंची “गौ बचाओ जन जागरण रथ यात्रा”, ये है यात्रा का उद्देश्य…

गौ बचाओ जन जागरण रथ यात्रा” शनिवार को जोशीमठ से पौड़ी जनपद के श्रीनगर क्षेत्र पहुंच गई है। जहां गौ यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के लोगों ने यात्रा में अपना भरपूर सहयोग दिया। यात्रा में लोग गौ माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। तो वहीं गौ सेवकों ने आम जन से गौ माता के सरंक्षण करने और गौ माता का महत्त्व बताया है।

ऋषिकेश के श्रीराम गौधाम सेवा समिति द्वारा निकाली गई सात दिवसीय “गौ बचाओ जन जागरण रथ यात्रा” आज तय कार्यक्रम के अनुसार जोशीमठ से श्रीनगर पहुंच गई है। गौ सेवक कमलेश्वर महादेव मंदिर श्रीनगर में रात्रि विश्राम करेंगे। फिर यहां विश्राम कर वह श्रीनगर से देवप्रयाग और फिर रात्रि विश्राम के लिए हरिद्वार पहुंचेगे। इस यात्रा में जहां लोग अपना सहयोग कर रहे है। गौ सेवकों के उनके क्षेत्र में पहुंचने से पहले स्वागत के इंतजाम किए जा रहे है। तो वही गौ सेवक भी हर परेशानी का सामना कर गौ माता को बचाने के लिए लोगों को जागरुक कर रहे है।

गौ सेवा समिति के संस्थापक जी पी भट्ट ने लोगों को जागरुक करते हुए कहा की हम सब गाय माता को एक साधारण पशु समझ कर बैठे है, मगर यह हमारी गौ माता है और मां की सेवा करना बहुत जरूरी है नहीं तो हमारा समाज का पतन होना शुरू हो जाएगा। गाय माता सनातन धर्म की प्राण है और गौ माता स्वयं ही देवी देवताओं के सामान है। इस ऐतिहासिक गौ रथ यात्रा का उद्देश्य गावं से लेकर शहर के सड़कों पर निराश्रित घूम रही गौमाता एवं गौ वंशो की दशा सुधारना हौ। उन्होंने इसके लिए समस्त आम जनमानस से गौ रक्षा करने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि गाय माता को देखोगे तो हमे 33 कोटि देवी देवताओं के दर्शन हो जाएगे। उन्होंने गाय की महत्ता बताते हुए कहा की जिस गाय के मूत्र में गंगा मैया निवास करती हो और जिस गाय की देवता पूजा करते हो, वो गाय एक मात्र पशु कैसे हो सकती है। आज हम माननीय मूल्यों को भूल चुके है और हम मे मानवता कही भी दिखाई नहीं दे रही है। जिसके कारण लोग गाय को दर दर भटकने के लिए छोड़ दे रहे है। गौ माता की गिनती जिस कारण आवारा पशुओ में होने लगी है। हमे इस दशा को सुधारना होगा।

समिति के संस्थापक मोहन काला का कहना है कि गौमाता में स्वयं के पालन एवं संरक्षण का गुण है अगर उसके गौमूत्र और गोबर का सही तरह से उद्योग-उत्पादक के रूप में उपयोग किया जाए तो गौमाता का सरंक्षण सरल और स्वयं हो जाएगा

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यात्रा में गौ सेवा समिति के संस्थापक जे पी भट्ट, संरक्षक मोहन काला , अध्यक्ष उषा भट्ट उपाध्यक्ष सुदेश भट्ट सचिव सुमन डोभाल, गोधाम सेवा समिति के मुख्य वक्ता शांति प्रसाद भट्ट  मीडिया से हर्षमणि उनियाल  मनीष व्यास, दीपक सिंह, योगी ( दिलीप सिंह बिष्ट) नीरज चौधरी, मदन सिंह बिष्ट, संदीप मनोज, डॉक्टर जगत राम भट्ट,  सरिता भट्ट, मनोज छाबड़ा, अतुल चावला,और ऋषिकेश हरिद्वार की सैकड़ों संत यात्रा में आदि लोग मौजूद रहे।

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