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टीएचडीसीआईएल ने राष्ट्र निर्माण और ऊर्जा उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ 38वां स्थापना दिवस मनाया

उत्तराखंड

टीएचडीसीआईएल ने राष्ट्र निर्माण और ऊर्जा उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ 38वां स्थापना दिवस मनाया

ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, विद्युत क्षेत्र का अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) ने ऋषिकेश स्थित अपने कॉर्पोरेट कार्यालय और देश भर की सभी परियोजनाओं और इकाई कार्यालयों में बड़े उत्साह और गौरव के साथ अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया।

यह अवसर न केवल 1988 में अपनी स्थापना के बाद से संगठन की शानदार यात्रा में एक और वर्ष का प्रतीक रहा, बल्कि ऐतिहासिक उपलब्धियों के वर्ष के रूप में भी चिह्नित किया, जिसने टीएचडीसीआईएल के ऊर्जा पोर्टफोलियो का महत्वपूर्ण रूप से विस्तार किया और सततता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया साथ ही जिससे भारत के भविष्य को ऊर्जा प्रदान करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि हुई है।

स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर. के. विश्नोई द्वारा ध्वजारोहण के साथ हुई, जिसके बाद श्री विश्नोई ने श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), श्री भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) एवं श्री सिपन कुमार गर्ग, निदेशक(वित्त) के साथ मिलकर दीप प्रज्ज्वलन किया। टीएचडीसीआईएल के स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन ऋषिकेश स्थित रसमंजरी हॉल में किया गया जिसमें कर्मचारियों एवं उनके परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

अपने प्रेरक संबोधन में, श्री विश्नोई ने टीएचडीसीआईएल की 38 वर्षों की परिवर्तनकारी यात्रा पर प्रकाश डाला और हाल ही में उत्तराखंड के टिहरी में 1000 मेगावाट के वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की पहली और दूसरी यूनिटों(प्रत्येक 250 मेगावाट) के कमीशन होने की सराहना की, जिसमें भारत की पहली वेरिएबल स्पीड टरबाइन है एवं किसी भी सीपीएसई द्वारा अपनी तरह का सबसे बड़ा पीएसपी है। ये उपलब्धियां भारत के विद्युत क्षेत्र में ग्रिड लचीलेपन, नवीकरणीय एकीकरण और ऊर्जा स्थिरता की दिशा में एक बडे कदम का प्रतीक है।

विश्नोई ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 1320 मेगावाट की खुर्जा सुपर थर्मल पावर परियोजना की यूनिट-1 (660 मेगावाट) के कमीशन होने पर भी प्रकाश डाला, जिसे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्र को समर्पित किया। यह उपलब्धि टीएचडीसीआईएल के ताप विद्युत क्षेत्र में रणनीतिक विस्तार, इसके ऊर्जा पोर्टफोलियो में और विविधता लाने और देश की बढ़ती विद्युत मांगों को पूरा करने की इसकी प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है।

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उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्थापना दिवस न केवल अपनी विरासत का उत्सव है, बल्कि यह भारत की नेट-ज़ीरो प्रतिबद्धताओं, ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों और राष्ट्र निर्माण की आकांक्षाओं के अनुरूप एक अग्रणी ऊर्जा संगठन बनने के टीएचडीसीआईएल के रणनीतिक दृष्टिकोण की पुष्टि करने का भी अवसर है।

विश्नोई ने आगे कहा कि यह स्थापना दिवस न केवल उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि टीएचडीसीआईएल के समर्पण, एकता और राष्ट्र विकास की भावना का भी प्रतिबिंब है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि टीएचडीसीआईएल की प्रत्येक उपलब्धि के पीछे प्रेरक मानव शक्ति हैं साथ ही उन्होने कंपनी की उत्कृष्टता की खोज में निरंतर सहयोग के लिए सभी कर्मचारियों और उनके परिवारों की हार्दिक सराहना की।

उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि किसी भी संगठन की सफलता उसके शीर्ष प्रबंधन की दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता में निहित होती है, और इस संदर्भ में टीएचडीसीआईएल के निदेशक मंडल की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। श्री विश्नोई ने यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि हाल ही में संगठन द्वारा प्राप्त असाधारण उपलब्धियों के पीछे सभी निदेशकों का योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने निदेशक (कार्मिक), निदेशक (तकनीकी) तथा निदेशक (वित्त) के समर्पित प्रयासों की विशेष रूप से सराहना की, जिनके कुशल नेतृत्व और रणनीतिक मार्गदर्शन से टीएचडीसीआईएल की निरंतर प्रगति और रूपांतरण संभव हो सका है।

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समारोह के एक भाग के रूप में, संगठन ने उत्कृष्ट प्रदर्शन, शैक्षणिक प्रदर्शन एवं आयोजित प्रतियोगिताओं के लिए विभिन्न पुरस्कारों के माध्यम से कर्मचारियों और उनके परिवारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए, जो टीएचडीसीआईएल परिवार की एकता और प्रतिभा का प्रतीक थे।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के 38वें स्थापना दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण के रूप में, टीएचडीसीआईएल के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डी.वी. सिंह को प्रतिष्ठित नमन पुरस्कार प्रदान किया गया, जो उनके दूरदर्शी नेतृत्व और संगठन के विकास के प्रति आजीवन समर्पण को सम्मानित करता है, जबकि नीरज वर्मा, कार्यपालक निदेशक (प्रभारी), ए.के. घिल्डियाल, कार्यपालक निदेशक (एपीपी); अजय वर्मा, मुख्य महाप्रबंधक (वीपीएचईपी), अजय कुमार गर्ग, मुख्य महाप्रबंधक (वित्त) एवं डॉ. ए.एन. त्रिपाठी, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन-प्रशासन एवं कॉर्पोरेट संचार) को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित गौरव पुरस्कार प्रदान किया गया।

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