उत्तराखंड
Big Breaking: उत्तराखंड खनन नीति 2021 पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, राज्य सरकार सहित इनसे मांगा जवाब…
नैनीताल: उत्तराखंड सरकार की खनन नीति का मामला हाईकोर्ट में पहुचं चुका है। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए आज खनन नीति 2021 पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार, डायरेक्टर जनरल माइनिंग, डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ऑफिसर नैनीताल और एसडीएम सदर नैनीताल को 28 फरवरी तक जवाब पेश करने को कहा है। बता दें कि खनन नीति 2021 को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार अपने लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए ये नीति लाई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नैनीताल निवासी सतेंद्र कुमार तोमर ने खनन नीति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा था कि सरकार 28 अक्तूबर 2021 को नई खनन नीति लाई थी। इसमें सरकार ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए समतलीकरण के नाम पर बिना टेंडर जारी किए खनन के पट्टे आवंटित कर दिए। सरकार की यह खनन नीति असंवैधानिक है। याचिकाकर्ता का कहना है कि मिनिस्ट्री ऑफ क्लाइमेट भारत सरकार की अनुमति लिए बिना सरकार ने यह निर्णय लिया है। जबकि इसमें उसकी अनुमति लेनी आवश्यक है। इसी आधार पर तय होता है कि किस स्थान पर खनन होगा, किस स्थान पर नहीं। सरकार ने इसको नजरअंदाज कर समतलीकरण के नाम पर प्राइवेट लोगों को खनन पट्टे आवंटित कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने खनन के लिए कोई टेंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई और न ही खनन नीति का पालन किया, इसलिए इस लिए इस नीति पर रोक लगाई जाए। वहीं आज मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए खनन नीति पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार सहित अन्य से जवाब पेश करने को कहा है।मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। अब सबकी निगाहें अगली सुनवाई पर टिक गई है।
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