उत्तराखंड
बड़ा सवाल: उत्तराखंड में विधायक नहीं खर्च पाए 293 करोड़ रुपए, ऐसे कैसे होगा विकास…
देहरादून: उत्तराखंड सरकार में विधानसभा चुनाव में कम ही समय बचा है। लेकिन प्रदेश में विधायकों के खाते में अभी भी 293.10 करोड़ रुपए से अधिक की विधायक निधि जमा रखी हुई है। जो पिछले 4 सालों में खत्म नहीं हुई है। प्रदेश में विधायकों ने चुनावी साल में अपने क्षेत्र में काम दिखाने के लिए विधायक निधि फंड खर्च नहीं किया है, जिसके चलते विधायकों और कुछ कैबिनेट मंत्रियों जिसमें सतपाल महाराज, डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, डॉ. धन सिंह के विधायक निधि फंड के खाते में अभी अच्छा खासा रुपए जमा है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि राज्य का विकास कैसे होगा। जब विधायक खर्च ही नही करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान प्रदेश सरकार ने पिछले 4 सालों में प्रदेश के हर विधायक को 14-14 करोड़ रुपए की विधायक निधि बांट दी है। लेकिन अभी भी विधायक निधि फंड खर्च करने में ढीले साबित हो रहे हैं।उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है। एक विधायक की केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई है। 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में केवल एक विधायक शामिल है। सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च करने वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत हैं, जबकि सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च करने वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं। 60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायक धन सिंह हैं। वहीं 61 से 65 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में महेश नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेव पुंडीर शामिल हैं। 66 से 70 प्रतिशत वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चौहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल हैं।
जबकि 71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल हैं। 86 से 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायकों में कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चौहान (रानीपुर), बंशीधर भगत, धन सिंह नेगी, नवीन चन्द्र दुम्का, गोपाल सिंह रावत, तथा संजीव आर्य शामिल हैं। गौरतलब है कि वर्तमान विधायकों को साल 2017 से सितंबर 2021 तक कुल 1256.50 करोड़ रुपए की विधायक निधि उपलब्ध हुई। इसमें से केवल 77 प्रतिशत यानी 963.40 करोड़ की विधायक निधि ही खर्च हो सकी है. जबकि 23 प्रतिशत यानी 293.10 करोड़ की विधायक निधि खर्च होनी शेष है। ऐसे में कई विधायक पिछले 4 सालों में जारी कुल विधायक निधि का आधा फंड भी नहीं खर्च कर पाए हैं। राज्य में विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए हर साल 3.75 करोड़ रुपए मिलते हैं।
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