उत्तराखंड
मिसालः पहाड़ की मां-बेटी ने साथ दी परिक्षा, मां ने उत्तीर्ण की बारहवीं तो बेटी पहुंची दसवीं में…
चमोलीः पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती बस चाह होनी चाहिए पढ़ने की। जी हां गोपेश्वर की कमला रावत ने इस बात को सिद्ध कर दिखाया है। तीन बच्चों की मां कमला ने अपनी बेटी के साथ बारहवीं की कक्षा पास की है। उनके लिए उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट दोहरी खुशी लेकर आया। मां ने इस बार बारहवीं पास की है तो वहीं उनकी बड़ी बेटी दसवीं में पहुंच गई है। उनकी कामयाबी में परिवार में खुशी का माहौल है। बच्चों को अपनी मां के हौसलों पर गर्व है।
बता दें कि मोली जिले के दशोली विकासखंड स्थित ग्राम ठेली निवासी 39 – वर्षीय कमला रावत को सरकार के ‘ बेटी पढ़ाओ – बेटी बचाओ ‘ नारे ने उन्हें खासा प्रभावित किया और उन्होंने ठान लिया कि अब हर हाल में आगे की पढ़ाई करेंगी। और अब अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ ही वह खुद भी पढ़ रही है। जब वह छोटी थी तो उनके घर की स्थिति ठीक नहीं थी , इसलिए वह आठवीं से आगे नहीं पढ़ पाई । जिसके बाद उनका विवाह वर्ष 2006 में ठेली निवासी हरेंद्र सिंह से हुआ , जो दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। फिर शादी हुई तो जिम्मेदारियां भी बढ़ गईं । उनके तीन बच्चे हुए। लेकिन उनके मन में यह टीस हमेशा रहती थी कि काश ! वह भी आगे पढ़ पातीं। उन्होंने अपनी इसी टीस को अपनी हिम्मत बनाया।
ऐसा कहा जाता है कि बच्चों के साथ तो पढ़ाई के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। लेकिन कमला ने इस बात को गलत साबित कर अपनी पढ़ाई शुरू की। और फिर अपने हौसलों को उड़ान दी। जिसके बाद उनका किताबों से साथ कभी नहीं छूटा और वर्ष 2018 में दसवीं और इस बार बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर उन्होंने साबित कर दिया कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती । आज कमला की बड़ी बेटी दसवीं , बेटा आठवीं और छोटी बेटी पांचवीं में है। बच्चों के साथ वह पढ़ भी रही है और पढ़ा भी रही है। उनकी इस सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है ।

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