उत्तरकाशी
लेटलतीफी: भीषण आपदा क्षेत्र में सरकारी मशीनरी पहुंची कछुवा गति से, ऐसे कैसे…
उत्तरकाशी। उत्तराखंड में अभी भी सरकारी मशीनरी जंक खाई हुई है। इन दिनों लगातार उत्तराखंड में बरसात हो रही है,जिसके चलते जगह जगह दुरस्त क्षेत्रों में कई दर्दनाक हादसे हो गए हैं।ऐसे में ac कमरों में बैठे सरकार के आला अधिकारी मौका स्थल पर पहुंचने में समय लगा रहे हैं। अब यह समय मार्ग अवरुद्ध होने पर लग रहा है या भी अफसरों की हीलाहवाली के चलते है। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन एक ऐसा ही मामला सामने आया है,जिसके बाद ग्राम प्रधान ने अपनी नाराजगी जताने के बाद अधिकारियों ने मंगलवार को स्थान पर पहुंचने की बात कही है। दरअसल उत्तरकाशी के सीमांत गांव मांडो, कंकराड़ी और निराकोट गांव में प्राकृतिक आपदा को अब 24 घण्टे हो चुके हैं। लेकिन हैरानगी की बात यह है कि 24 घण्टे बीत जाने के बाद भी घटनास्थल पर पटवारी अभी तक नहीं पहुंचे, वंही मात्र 2 किलोमीटर के सफर में जिलाधिकारी को भी 12 घण्टे लग गए। जबकि घटना के बाद से जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व विधायक ने आपदा प्रभावित इलाकों में अपना डेरा जमाया हुआ है। बता दें रविवार की देर रात बादल फटने से मांडो और कंकराड़ी गांव के साथ निराकोट गांव को भी काफी नुकसान पहुंचा है। ग्राम प्रधान जितेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया कि आपदा के बाद से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है,बहरहाल मंगलवार को अधिकारियों ने क्षेत्र में पहुंचने की बात कही है। उधर,मांडो गांव में मृतक परिवार को 50 हजार और लापता परिवारों को 20 हजार की धनराशि देने का आश्वासन जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने दिया है।

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