उत्तराखंड
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित, निजी बसों को परमिट देने पर फिलहाल रोक…
उत्तराखण्ड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर 22 अक्टूबर को प्रारम्भ हुई 48 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल को समाप्त कर दिया गया है। इस संदर्भ में सचिव एवं आयुक्त परिवहन विभाग, बृजेश कुमार सन्त ने संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की। वार्ता के दौरान राष्ट्रीयकृत मार्गों पर परमिट जारी करने के सम्बन्ध में जारी राज्य परिवहन प्राधिकरण के आदेश पर स्थिति स्पष्ट की गई।
सचिव द्वारा बताया गया कि उक्त आदेश के तहत फिलहाल कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा और कर्मचारियों के बीच फैली भ्रम की स्थिति को दूर किया गया। सचिव सन्त ने यह भी आश्वासन दिया कि संयुक्त मोर्चा की अन्य मांगों पर सभी पक्षों से विचार-विमर्श कर सहानुभूतिपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
वार्ता के बाद, संयुक्त मोर्चा के संयोजक अशोक चौधरी ने निगम कर्मियों की प्रस्तावित कार्य बहिष्कार की योजना को वापस लेने की घोषणा की। यह निर्णय लिया गया कि आन्दोलन की आगे की दिशा पर विचार 23 अक्टूबर सभा में निर्णय लिया जाएगा।
23 अक्टूबर सचिव परिवहन की अध्यक्षता में पुनः वार्ता हुई, जिसमें संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि हड़ताल के कारण कुछ चालक/परिचालक अवकाश पर चले गए थे, जिसके कारण सुबह 20-25 प्रतिशत सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि, यह भी आश्वासन दिया गया कि दोपहर 12:00 बजे तक सभी सेवाएं सुचारू हो जाएंगी।
संयुक्त मोर्चा और परिवहन विभाग के बीच हुए आपसी सहमति के बाद, सभी पक्षों द्वारा आन्दोलन को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। परिवहन निगम की सेवाएं अब पूर्णतः सुचारू रूप से चालू हैं और यात्रियों की असुविधा को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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