दिल्ली
कैसी ममता: बच्ची ने नहीं किया होमवर्क तो छत पर तपती धूप में छोड़ दिया…
दिल्ली। क्या कोई मां इतनी बेरहम हो सकती है कि स्कूल का होमवर्क नहीं करने पर चुभती गर्मी में अपनी ही बेटी को छत पर हाथ-पांव बांधकर डाल दे? थोड़ी देर के लिए आपको यकीन नहीं होगा, पर दिल्ली में एक ऐसी ही घटना सामने आई है। अपनी दलील में मां ने माना है कि उसने बच्ची को ऐसी क्रूर सजा दी। उसने बच्ची के हाथ-पैर बांधकर उसे तपती छत पर लिटा दिया। खजूरी खास एरिया की पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
दरअसल, पुलिस के साथ यह वायरल वीडियो किसी शख्स ने शेयर किया था। शुरुआत में कहा गया कि यह वीडियो करावल नगर का है। जांच में पता चला कि ऐसी कोई घटना वहां नहीं हुई है। फिर पुलिस ने जांच में पाया कि यह वीडियो खजूरी खास इलाके के तुकमीरपुर गली नंबर-2 का है। पुलिस की पूछताछ में बच्ची की मां ने बताया कि बच्ची ने स्कूल का होमवर्क नहीं किया था, इसलिए हाथ-पैर बांधकर चुभती गर्मी में छत पर डाल कर उसे 5 से 7 मिनट की ऐसी सजा दी। बाद में वह बच्ची को छत से नीचे ले आई थी।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। नॉर्थ-ईस्ट पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद आरोपी महिला के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। महिला की इस हरकत से आसपास के लोग हैरान हैं और सवाल उठा रहे हैं कि कोई मां अपनी ही बेटी को ऐसी सजा कैसे दे सकती है?
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जब वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि वायरल वीडियो खजूरी खास एरिया का है। मामले की पुष्टि के लिए विशेष टीमें बनाई गईं। काफी मशक्कत के बाद टीमों ने बच्ची के बारे में पता लगा लिया। इस मामले में बच्ची के परिजन से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 पहाड़ी खबरनामा के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
IAS बंशीधर तिवारी ने भ्रामक खबरों पर बोला सर्जिकल स्ट्राइक, साजिश रचने वाले गैंग का किया खुलासा…
खेत में दरांती थामे दिखे डीएम सविन, बोले-किसानों से सीखने आया हूँ…
नीति: खनन राजस्व में 800 करोड़ की बढ़ोतरी, धामी सरकार की नीति हुई सफल साबित…
सम्मान: मुख्यमंत्री धामी की प्रेरणा से महिलाओं को मिला नया सफर और सम्मान…
स्वास्थ विभाग की प्रदेश के सभी बाल चिकित्सकों से अपील, दो साल से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित सिरप न लिखें…
