उत्तरकाशी
Uttarakhand Accident: उत्तरकाशी के इतिहास का सबसे बड़ा हादसा, चारों ओर तीर्थयात्रियों के बिखरे शव देख सिहर उठे लोग…
उत्तरकाशीः उत्तराखंड में हादसों का सिलसिला पुराना है लेकिन सीमांत जनपद उत्तरकाशी में रविवार शाम हुआ सड़क हादसा इतिहास का सबसे बड़ा सड़क हादसा है। बताया जा रहा है कि रविवार को हरबर्टपुर-यमुनोत्री हाईवे पर यमुना घाटी में डामटा के पास पिछले 20 सालों में सबसे बड़ा हादसा है। इस हादसे ने एक क्षण में 26 तीर्थयात्रियों की जिंदगी छीन ली। यहां वहां बिखरे शव देख लोग सिहर उठे।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तरकाशी स्थित डामटा के पास हुए सड़क हादसे के बाद अब बचाव अभियान पूरा हो चुका है। यहां रविवार शाम 28 लोगों से भरी एक बस के रिखांउ खड्ड में गिर गई थी। इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 तक पहुंच गई है। वहीं 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बस के चालक दल के दो सदस्यों के अलावा इसमें सवार अन्य 28 लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले थे, जो तीर्थयात्रा पर यमुनोत्री जा रहे थे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रविवार की शाम करीब 7 बजे ऋशिकेश से यमुनोत्री धाम आ रही बस संख्या यूके 04-1541 जैसे ही डमाटा से 2 किलोमीटर आगे रिखांउ स्थित खड्ड के पास पंहुची, वैसे ही अचानक अन्यंत्रित होकर करीब 500 मीटर की गहरी खाई में जा गिरी। बस के खाई में गिरने से उसके परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार यात्री जगह-जगह छिटक गए।
हादसे के बाद नौगांव अस्पताल से कुछ डाक्टरों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डामटा भेजा गया। वहां पर घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को देहरादून और ऋषिकेश एम्म भेजने की तैयारी की जा रही है। 69 यात्रियों का दल 20 मई को पन्ना मध्य प्रदेश से यात्रा पर निकला। चित्रकूट, पशुपतिनाथ और काठमांडू होते हुए दो जून को ये सभी हरिद्वार पहुंचे। यहां दो दिन इंतजार के बाद रविवार को इन्हें यमुनोत्री और गंगोत्री का स्लाट आवंटित हुआ।
बताया जा रहा है कि जिस जगह दुर्घटना हुई, वहां सड़क काफी चौड़ी है और डामरीकरण हो रखा है। ऋषिकेश के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस को 15 मई से 15 नवंबर तक के लिए ग्रीन कार्ड जारी किया गया था। साथ ही रविवार को इसे यात्रा का ट्रिप कार्ड जारी किया गया था।
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