दिल्ली
रणजी ट्राफी: मां ने गहने गिरवी रखकर दिलाया बैट, बेटे ने डेब्यू पर 341 रन जड़कर तोड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड…
दिल्ली: रणजी ट्राफी का टूर्नामेंट शुरू हो चुका है। टूर्नामेंट में बच्चे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। ऐसे में जहां एक ओर उत्तराखंड की टीम ने अपने पहले मैच में दस खिलाडिय़ों के दम पर ही अनुभवी सर्विसेज टीम को नौ विकेट से शिकस्त देकर अंक तालिका में बढ़त बना ली। तो वहीं एक ऐसा भी खिलाड़ी हैं जिसके पास एक बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे। मां ने गहने गिरवी रख बेटे को बैट दिलाया तो बेटे ने भी इतिहास रच दिया। ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि सकीबुल गनी है। बिहार की तरफ से गनी ने अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मुकाबले में 405 गेंदों पर 341 रन बना डाले।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सकीबुल के इतिहास रचने के पीछे की कहानी भावुक कर देने वाली है। सकीबल गनी का यहां तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उनके परिवार ने काफी संघर्ष किया है। उनके पास बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन उनकी मां ने बेटे का सपना पूरा करने के लिए जी जान लगा दी। गनी जब टूर्नामेंट खेलने के लिए जा रहे थे तो मां ने 3 बैट दिलवाए और कहा कि जाओ बेटा तीन शतक लगाना लेकिन बेटे ने पहले ही मैच में तिहरा शतक लगा कर इतिहास रच दिया। गौरतलब है कि बेटे गनी ने तीन बैट में से एक से रिकॉर्ड बनाया। इस मौके पर सकीबुल गनी ने कहा कि अम्मा नजर उतार दी। सकीबुल के भाई फैसल ने बताया कि जब भी जरूरत पड़ती तो उनकी मां आसमा खातून अपने जेवर गिरवी रखकर पैसों का इंतजाम करती।
आपको बता दें कि रणजी ट्राफी में उत्तराखंड टीम की शुरुआत धमाकेदार रही। उत्तराखंड अपना दूसरा मैच 24 फरवरी को राजस्थान के साथ खेलेगा। रणजी ट्राफी में उत्तराखंड टीम की शुरुआत धमाकेदार रही। त्रिवेंद्रम के ग्रीन फील्ड क्रिकेट स्टेडियम में उत्तराखंड और सर्विसेज के बीच मुकाबला खेला गया। मैच के पहले ही दिन अनुभवी बल्लेबाज रोबिन बिष्ट फिल्डिंग के दौरान चोटिल हो गए। जिससे उत्तराखंड के दस खिलाडिय़ों ने ही पहली पारी में बल्लेबाजी की। रोबिन बिष्ट को मेडिकल टीम ने तीन सप्ताह मैदान से दूर रहने की सलाह दी है। वह टीम सपोर्ट स्टाफ के निर्देशन में रिकवरी कर रहे हैं।
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