नैनीताल
Big Breaking: वन विभाग के इस मामले की जांच से IFS चतुर्वेदी के बाद अब इस अधिकारी ने भी खींचे हाथ, कैसे होगी जांच…
देहरादून: उत्तराखंड में कॉर्बेट नेशनल पार्क ने अवैध निर्माण और पेड़ कटान का मामला सुर्खियों में है। अवैध निर्माण को कुछ ही दिन पहले ध्वस्त कर दिया गया लेकिन इस मामले पर दोषियों को सजा देने के मामले में वन विभाग सुस्त नजर आ रहा है। एक के बाद एक अधिकारी इस मामले की जांच से अपने हाथ खींच रहे हैं। IFS संजय चतुर्वेदी के बाद अब दूसरे जांच अधिकारी बीके गांगटे ने भी प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को पत्र लिखकर इस जांच से हाथ पीछे खींच लिए हैं। लेकिन मामले में विभाग और सरकार की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कॉर्बेट नेशनल पार्क की स्थापना के बाद से 2018 तक इतना निर्माण नहीं किया गया. जितना पिछले 2 सालों में किया गया। ऐसे में एनटीसीए के संज्ञान में यह मामला आने के बाद केंद्र की टीम ने क्षेत्र का स्थल निरीक्षण कर मामले में कई अधिकारियों को दोषी पाया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी की लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली से एनटीसीए की टीम तो कॉर्बेट में जाकर स्थलीय निरीक्षण कर लेती है लेकिन, कॉर्बेट के अधिकारी अंजान बने रहते हैं।
बताया जा रहा है कि प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने ईमानदार अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को जांच सौंपी तो पता चला कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जे सुहाग भी अपर मुख्य संरक्षक बीके गांगटे को जांच पहले ही सौंप चुके हैं। जांच को लेकर विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत और वन विभाग के बड़े अधिकारी के बयानबाजी को लेकर संजीव चतुर्वेदी ने फिलहाल इस जांच से इनकार कर दिया है। दूसरी तरफ 30 अक्टूबर को चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग ने जिस अधिकारी को जांच सौंपी, उसने भी अब इस मामले में जांच करने से हाथ खड़े कर दिये हैं। जिससे मामले में पेंच फंसते नज़र आ रहे हैं।
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