नैनीताल
विडंबना: पांच बार के मिस्टर कुमाऊं फुटपाथ पर वेल्डिंग करने को मजबूर, पढ़िए अर्श से फर्श पर पहुंचने की आपबीति…
हल्द्वानी: हर कोई मिस्टर और मिस कुमाऊँ , मिस उत्तराखंड, मिस्टर उत्तराखंड बनना चाहता है सबका सपना नाम कमाना अपनो का नाम रोशन करना होता है लेकिन अर्श से फर्श पर कैसे आते हैं इसकी बानगी हल्द्वानी में देखने को मिल रही है। यहां पांच बार के मिस्टर कुमाऊं आज तन पर फटा कुर्ता व मोबिल से सने काले हाथ और फुटपाथ पर अस्थाई ठीकाना के साथ दिख रहा है। शासन की अनदेखी ने होनहार के सपने चकनाचूर कर दिए। मिस्टर कुमाऊं सफीक अहमद आज जीवन यापन करने और परिवार का पेट पालने के लिए बिल्डर से वेल्डर बन गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आजाद नगर हल्द्वानी निवासी सफीक अहमद समय के साथ गुमनाम हो गया है। कभी बाडी बिल्डिंग के लिए उन्हें हल्द्वानी शहर ही नहीं पूरे कुमाऊं में पहचाना जाता था। 1996 में 18 साल की उम्र में उसने पहली बार बाडी बिल्डिंग में मिस्टर कुमाऊं का खिताब जीता। इसके बाद पांच और मिस्टर कुमाऊं के खिताब अपने नाम किए। उत्तराखंड बोर्ड बिल्डिंग फैडरेशन से खेलने वाले सफीक अहमद 10 से अधिक बार मिस्टर नैनीताल भी चुना गया। सभी प्रतियोगिताओं के प्रमाण पत्र उनके पास हैं।
आपको बता दें कि सफीक आज सिस्टम की अनदेखी के कारण सड़क पर है। आलम ये है कि मिस्टर कुमाऊं डिग्री कालेज के सामने ठंडी सड़क पर टेंपो, बाइक, स्कूटी व साइकिल पर वेल्डिंग कर रहा है। मेहनत मजदूरी कर जो रुपया कमाया उसी से अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए प्रतियोगिताओं में जाते रहे। सफीक के अंदर खेल का जज्बा अब भी कायम है। वह कर्ज लेकर अब भी प्रतिभाग करते है और सड़क पर दुकान चलाकर परिवार का पेट पाल रहे हैं।

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