विडंबना: श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने में उत्तराखंड फिसड्डी, कैसे मिलेगा लाभ... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
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विडंबना: श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने में उत्तराखंड फिसड्डी, कैसे मिलेगा लाभ…

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विडंबना: श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने में उत्तराखंड फिसड्डी, कैसे मिलेगा लाभ…

देहरादून: कोरोना की मार के बीच दिहाड़ी मजदूरी करने वाले श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार ने कई योजना का ऐलान किया। इसी कड़ी में श्रमिकों को लाभ पहुंचाने और उनका ब्यौरा रखने के लिए देशभर में असंगठित क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरी में काम करने वाले श्रमिकों के लिए ने ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से जोड़ने का काम किया गया। लेकिन इस मामले में उत्तराखंड फिसड्डी साबित हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड से 32 लाख मजदूरों कोई ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, प्रचार प्रसार और जागरूकता के साथ-साथ सीएससी सेंटर की तकनीकी दिक्कतों के चलते मजदूर अपना पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं।

आपको बता दें कि ई श्रम योजना के अंतर्गत e Shram Portal बनाया गया है जिस पर देश के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों का राष्ट्रीय डेटाबेस ( NDUW ) उपलब्ध रहेगा । इसी के अंतर्गत e Shram Portal Registration करने के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बहुत सारे फायदे मिलेंगे जिसमें से एक फायदा ऐसा भी है जिसके तहत उन्हें 2 लाख रुपए तक का फायदा पहुंच सकता है। इससे जुड़ने के बाद श्रमिकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही श्रमिकों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा। लेकिन उत्तराखंड में इस योजना के तहत दिसंबर माह तक श्रमिकों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन दो महीने में मात्र 1 लाख 44 हजार मजदूरों का ही पंजीकरण हो पाया है, जो लक्ष्य से काफी दूर है। ऐसे में श्रमिकों के पंजीकरण के धीमी रफ्तार के चलते बहुत श्रमिक इस योजना से वंचित हो सकते हैं।

गौरतलब है कि eShram Card श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा असंगठित क्षेत्र के कामगारों को जारी किया जाएगा जो उन्हें eshram portal पर पंजीकरण के पश्चात मिलेगा , eshram Card एक 12 अंकों की यूनिक आईडी होगी जो हर एक कामगार के लिए अलग रहेगा । यूनिक आईडी में श्रमिक की लगभग सारी जानकारी जैसे कि उनका नाम, उनका पता, वह कितने पढ़े लिखे हैं, श्रमिक किस काम की जानकारी रखता है और किस काम में उन्हें कितने वर्षों का अनुभव है इत्यादि जैसी जानकारी मौजूद होगी । जिसके बाद श्रमिकों को उनके अनुभव और जरूरत के हिसाब से केंद्र सरकार द्वारा आसानी से रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार द्वारा मजदूरों को पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने का काम तो चल रहा है लेकिन मजदूरों में जागरूकता नहीं होना और सीएससी सेंटर कहीं न कहीं मजदूरों के लिए बाधा बन रहे हैं। ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को इस बारे में जानकारी दी जाए, जिससे कि मजदूर सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें।

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