उत्तराखंड
कार्रवाईः हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी खाली नहीं कराई गई ये भूमि, अवमानना याचिका दायर…
नैनीताल: ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द रिजर्व फारेस्ट की 35 बीघा भूमि पर शासन की लापरवाही सामने आ रही है। भूमी पर अभी भी अतिक्रमणकारियों का कब्जा बना हुआ है। प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी पूर्ण रूप से जमीन खाली नहीं करा पाया है। गुरूवार को हाईकोर्ट ने भूमी से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की है। कोर्ट ने मामले में सरकार को जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया है।
बता दें कि ऋषिकेश में वीरभद्र मंदिर के पास वीरपुर खुर्द में रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा जमीन में अतिक्रमण और निर्माण करने पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद मुनि के विरुद्ध केस दर्ज है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जमीन खाली कराने के आदेश दिए। लेकिन जमीन अभी तक खाली नहीं कराई गई है। हाईकोर्ट ने न्यायालय आदेश के बावजूद ऋषिकेश के वीरपुर खुर्द रिजर्व फारेस्ट की 35 बीघा भूमि से पूर्ण रूप से अतिक्रमण नहीं हटाये जाने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। सरकार के शपथपत्र पर सवाल उठाते हुए वकील ने कहा है कि पूरी तरह से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। कोर्ट के आदेश को नहीं माना जा रहा है। जिसके कारण उनको जनहित याचिका दायर करनी पड़ी। याचिकाकर्ता ने उक्त भूमि पर से अतिक्रमण हटाये जाने व भूमि को सरकार के खाते में किए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में मुनि चिदानंद ने रिज़र्व फारेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा किया है। वहां 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गौशाला का निर्माण किया जा चुका है। चिदानंद मुनी महाराज का रसूखदारों से सम्बन्ध होने के कारण वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही हैं। कई बार प्रशासन व वन विभाग को अवगत कराया गया फिर भी वंहा की गतिविधियों पर रोक नहीं लगी। मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद मुनि के विरुद्ध केस दर्ज कर विभागीय जांच शुरू कर दी है।
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