उत्तराखंड
लापरवाही: जेल से रिहा हुए व्यक्ति को मित्र पुलिस ने बीच सड़क पर छोड़ दिया…
चंपावत। सितारगंज जेल में 27 वर्षों तक सजा काटने के बाद रिहा हुए कैदी को जेल का पुलिस कर्मी घर पहुंचाने के बजाय रास्ते में ही छोड़ कर चला गया। इस वजह से रिहा हुआ कैदी पूरी रात खुले में बिताने को मजबूर हुआ। मॉर्निंग वॉक पर निकले सामाजिक कार्यकर्ता को खुले में सो रहे रिहा हुए कैदी ने अपनी आपबीती सुनाई। सामाजिक कार्यकर्ता ने मामले से पुलिस को अवगत करा दिया है।
लड़ीधूरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता नगेंद्र जोशी ने बताया कि आज सुबह वे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। उन्हें एसएसबी पुल के पास एक व्यक्ति खुले में सोता मिला। पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम नरी राम पुत्र मोतीराम है। वह थल का रहने वाला है। कल शाम से वह ऐसे ही पड़ा है। खुले में होने के कारण पूछने पर नरी राम ने बताया कि वह 27 साल से सितारगंज की जेल में बंद था। तीन दिन पूर्व वह जेल से रिहा हुआ।
उसे पुलिस वाला घर छोड़ने के बजाय खुली सड़क पर छोड़ कर चला गया। उसके पास घर जाने के लिए पैसे भी नहीं हैं। इस पर नगेंद्र जोशी ने थाना लोहाघाट को मामले से अवगत कराया गया है। नगेंद्र जोशी का कहना है कि किसी सजायाफ्ता मुजरिम को इस तरह खुले छोड़ना समाज के लिए घातक भी हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से रिहा हुए कैदी को घर तक पहुंचाने के लिए कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया है।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 पहाड़ी खबरनामा के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
भिक्षावृत्ति से शिक्षा की ओर कदम – डीएम सविन बंसल का आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर बना मिसाल…
सफल: धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड का आर्थिक ग्राफ ऊंचा, राजस्व घाटे से अधिशेष तक का सफर सफल…
जिला प्रशासन ने सक्रिय की बाल संरक्षण समितियां, भिक्षावृत्ति और बालश्रम में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू…
IAS बंशीधर तिवारी ने भ्रामक खबरों पर बोला सर्जिकल स्ट्राइक, साजिश रचने वाले गैंग का किया खुलासा…
खेत में दरांती थामे दिखे डीएम सविन, बोले-किसानों से सीखने आया हूँ…
