उत्तराखंड
एक्शन: GST चोरी कर रही कई कंपनियों पर कर विभाग छापा..
उत्तराखंड में GST चोरी के कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में GST चोरी के मामले में राज्य कर विभाग ने लिप्त कंपनी पर छापा मारा। कर विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम ने हलचल मचा रखा है। सरकारी विभागों से टेण्डर प्राप्त करने वाली कई कंपनियां GST चोरी के लिए फर्जी बिलों का प्रयोग कर रही हैं।
GST चोरी होने कि खबर मिलते ही कर विभाग की टीम द्वारा दून यूनिवर्सिटी रोड़, देहरादून स्थित एक कंपनी के मालिक के व्यापार स्थल और घर की सहायक आयुक्त मनमोहन असवाल और टीका राम चन्याल कि जांच की गई।
राज्य कर विभाग कि टीम द्वारा किए गए जांच में पता चला कि इस कंपनी ने उत्तराखंड के सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग से तकरीबन ₹18 करोड़ का भुगतान प्राप्त किया है । और इसकी सहायता से दिल्ली की कुछ कंपनियों से GST चोरी करने के उद्देश्य से बोगस इन्वाईस प्राप्त किये गये है।
मिली जानकारी के अनुसार इन कंपनियों के पास समान खरीदने का और परिवहन का किसी भी प्रकार कि रिसीप्ट या प्रमाण नहीं पाया गया। डेटा विश्लेषण में बात सामने आई कि बोगस फर्मे टायर की खरीद ऐसे कंपनियों से दिखा रही थी जो है ही नहीं अर्थात् फर्जी कंपनियां थी। और साथ ही देहरादून में स्थित कंपनी को पेन्टींग और फ्लैक्स कि बिक्री दिखा रही थी जो कि फर्जी थी।
जांच के बाद यह अनुमान लगाया गया कि कंपनी द्वारा लगभग 1.65 करोड़ का टैक्स चोरी किया गया है। कर विभाग कि टीम को कंपनी द्वारा घोषित किए गए व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार का कार्य होते हुए नजर नहीं आया। मिली जानकारी अनुसार कंपनी के मालिक ने अपने घर जांच के समय ₹33.20 लाख जमा कराए। कर विभाग द्वारा चोरी किए गए टैक्स और उस टैक्स का ब्याज दोनों वसूला जाएगा और उचित कार्रवाई भी की जाएगी।
राज्य कर विभाग द्वारा अन्य GST चोरी कर रही कंपनियों में छापेमारी की गई। और कार्रवाई के दौरान 20 लाख रूपये जब्त किए गए। आयुक्त राज्य कर, उत्तराखण्ड द्वारा GST चोरी कर रही अन्य कंपनियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है और समस्त करदाताओं अपील की गई है कि वे समय से रिटर्न दाखिल करते हुए देय कर को जमा करें।
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