घोटाला: उत्तराखंड में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को ही लगा दी करोड़ों की चपत, ऐसे हुआ खुलासा... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
Connect with us

घोटाला: उत्तराखंड में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को ही लगा दी करोड़ों की चपत, ऐसे हुआ खुलासा…

उत्तराखंड

घोटाला: उत्तराखंड में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को ही लगा दी करोड़ों की चपत, ऐसे हुआ खुलासा…

देहरादून। छोटे से प्रदेश उत्तराखंड में बड़े- बड़े घोटाले हो रहे है। करोड़ो के घोटलों की जांच चल रही है। इस बीच अब एक और घोटाला सामने आया है। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को भी लुटेरों ने नहीं छोड़ा है। हरिद्वार में सिंचाई विभाग की तीन परियोजनाओं में करोड़ों का घोटाला सामने आ रहा है। इन परियोजनाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को भी पलीता लगाया गया है। ये हम नहीं कह रहे है ये खुलासा हुआ है सूचना के अधिकार यानि आरटीआई से। घोटाले की शिकायत से की जा चुकी है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर किस तरह राज्य के विकास के नाम पर करोड़ों रुपए को ऐसे ही चूना लगाया जाता रहेगा।

यह भी पढ़ें 👉  गर्व का पल: तटरक्षक के अपर महानिदेशक बने पौड़ी के आनंद प्रकाश बडोला...

बता दें कि सिंचाई विभाग हरिद्वार से हरिद्वार निवासी रतनमणि डोभाल ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी थी। जिसमें तीन परियोजनाओं में घोटाला सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री के नमामि गंगे परियोजना के तहत जगजीतपुर एसटीपी प्लांट से गांव माजरी लक्सर तक 10 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई गई थी। जिसमें सीवरेज ट्रीटमेंट से निकलने वाले शोधित जल को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाना था। इसके लिए 2017 में योजना बनाकर 24 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि आवंटित की गई थी। यह योजना 2020 में पूरी हो गई। लेकिन योजना के तहत बनाई गई लाइन का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल से पहले ही ढह गया है। स्वीकृत डिजाइन के हिसाब से इसको नहीं बनाया गया था। वहीं सोलानी नदी के लिए केंद्र पोषित योजना में भी करोड़ों रुपये ठिकाने लगा दिए हैं किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए आए मुआवजे को खर्च कर दिया है जबकि किसानों को 1 रुपये तक नहीं मिला है। यह योजना 8 साल से अपने पूरे होने का इंतजार देख रही है। 350 लाख रुपये इस योजना के तहत ग्रामीणों की मुआवजा राशि के लिए दिए गए थे।

आरोप है कि विभाग ने इन रुपयों को कहीं और खर्च कर दिया। किसानों से जमीन ही नहीं ली गई। 350 लाख रुपये इस योजना के नाम पर खर्च कर दिए गए हैं। इसकी शिकायत शासन तक की गई है। 2019 में इस योजना का बजट दोगुना किया गया था। वहीं 6.86 करोड़ की सुभाष गढ़ सराय योजना को कागजों में 2019 मार्च में पूरा होना दिखाया गया है। लोकल स्तर पर हुई जांच में सामने आया है कि योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतरी है। जबकि भुगतान कर दिया गया है। तीनों मामले में करोड़ो रूपए के घोटाला सामने आया है जिसमें कागजों में तो योजनाएं पूरी हो चुकी है लेकिन धरातल पर नहीं उतरी, विकास के नाम पर पैसा खर्च हो रहा है लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये पैसा जा कहां रहा है। कौन लोग है जो इस तरह से जनता की कमाई को लूट रहे है और शासन अनजान है।

Latest News -
Continue Reading
Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

Advertisement

उत्तराखंड

उत्तराखंड

देश

देश

YouTube Channel Pahadi Khabarnama

Our YouTube Channel

Advertisement

Popular Post

Recent Posts

To Top
6 Shares
Share via
Copy link