उत्तराखंड
गर्व के पलः उत्तराखंड के छोटे से गांव की सविता कंसवाल ने फतह किया माउंट एवरेस्ट, लहराया तिरंगा…
देहरादूनः कहते है न कुछ करने का जज्बा हो और हौसलों में उड़ान हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है उत्तरकाशी के छोटे से गांव लौंथरू की सविता कंसवाल। 24 वर्षीय सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह कर लिया है। उन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह कर तिरंगा लहराते हुए देश-प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। साथ ही समाज में उन लोगों के लिए एक मिसाल भी पेश की है जो कहते है कि छोटे गांव के लोग कुछ नहीं कर सकते । एक लड़की होकर उन्होंने अपनी कामयाबी से समाज को आईना दिखाया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तरकाशी के लौंथरू गांव निवासी 24 वर्षीय सविता कंसवाल का बचपन काफी आर्थिक तंगी में गुजरा है। सविता चार बहनों में सबसे छोटी है, लेकिन उन्होंने अपने बुजुर्ग पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी को कभी पुत्र की कमी महसूस नहीं होने दी। बल्कि उनकी देखरेख और घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही हैं। उन्होंने 12 मई की सुबह नौ बजे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट (8848.86 मीटर) का सफल आरोहण किया है। उनकी इस कामयाबी से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि प्रदेश में भी खुशी की लहर है। हर कोई सविता पर गर्व कर रहा है।
बताया जा रहा है कि सविता अभी तक माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) नेपाल , ल्होत्से (8516 मीटर) : नेपाल, त्रिशूल (7120 मीटर) : उत्तराखंड, हनुमान टिब्बा (5930 मीटर) : हिमाचल प्रदेश, कोलाहाई (5400 मीटर) : जम्मू-कश्मीर, द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) (5680 मीटर) : उत्तराखंड, तुलियान (5500 मीटर) : जम्मू-कश्मीर, लाबूचे (6119 मीटर) : नेपाल, चंद्रभागा (6078 मीटर) : हिमाचल प्रदेश आदि चोटियों को छू आई है। वह माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही है।

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