उत्तराखंड
धर्म: रामनवमी विशेष, श्रद्धेय देवताओं में से एक हैं मर्यादा पुरषोतम श्री राम…
हिंदू धर्म में श्री राम सबसे श्रद्धेय देवताओं में से एक हैं। हम बचपन से ही रामायण से जुड़ी कई कहानियां सुनते आ रहे हैं और ये सारी कहानियां हमें काफी प्रेरित भी करती हैं।
अपने भक्तों के लिए श्री राम पूर्णता का अवतार हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहा जाता है। आज हम आपको इसके पीछे का सत्य बताएंगे। तो चलिए जानते हैं
आखिर क्यों कहलाते हैं प्रभु श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम-
मर्यादा पुरुषोत्तम संस्कृत का शब्द है मर्यादा का अर्थ होता है सम्मान और न्याय परायण, वहीं पुरुषोत्तम का अर्थ होता है सर्वोच्च व्यक्ति। जब ये दोनों शब्द जुड़ते हैं तब बनता है सम्मान में सर्वोच्च। श्री राम ने कभी भी अपनी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने सदैव अपने माता पिता और गुरु की आज्ञा का पालन किया। साथ ही अपनी समस्त प्रजा का भी ख्याल रखा।
वे न सिर्फ एक आदर्श पुत्र थे बल्कि आदर्श भाई, पति और राजा भी थे। उन्होंने मानव मात्र के लिए मर्यादा पालन का जो आदर्श प्रस्तुत किया वह संसार के इतिहास में कहीं और नहीं मिल सकता।

लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 पहाड़ी खबरनामा के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
Latest News -
गौचर में राज्य स्तरीय किसान दिवस: उत्तराखंड को कृषि क्षेत्र में मिली ऐतिहासिक सौगातें…
मुख्यमंत्री ने ‘द ग्रेट हिमालयन रेस्क्यू’ डॉक्यूमेंट्री के टीज़र और पोस्टर का किया विमोचन…
सीएम धामी मैदान में: जन-जन तक सरकार, हर न्याय पंचायत में समाधान शिविर…
जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार: क्वांसी से ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान का शुभारंभ
स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण हमारा संकल्प – मुख्यमंत्री

















Subscribe Our channel




