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दून पुस्तकालय में दिव्यांग जनों क़े लिए परिवार सहायता समूह क़े गठन व समानता पर बातचीत का आयोजन

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दून पुस्तकालय में दिव्यांग जनों क़े लिए परिवार सहायता समूह क़े गठन व समानता पर बातचीत का आयोजन

देहरादून, 31 मई, 2025. दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र तथा साहस फाउंडेशन की ओर से आज सायं केंद्र की सभागार में
दिव्यांग जनों क़े लिए परिवार सहायता समूह क़े गठन व समानता पर बातचीत का एक खुले सत्र का आयोजन किया गया. इस गोलमेज सत्र में कई दिव्यांग जन और उनके परिवारिक लोगों के अलावा विभिन्न संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व प्रबुद्ध लोगों ने प्रतिभाग कर इस बिंदु पर सार्थक चर्चा की.

साहस फाउंडेशन के प्रमुख साहब नक़वी ने कहा कि हाशिए पर रहने वाले दिव्यांग जनों के लिए वास्तविक रोजगार अवसरों का मार्ग खोजने कि दिशा इस खुले मंच पर विमर्श करते हुएहमें खुशी हो रही है. परिवार सहायता समूहों की तत्काल आवश्यकता और दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने व उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की संदर्भ में मंच का उद्देश्य इस बात पर प्रकाश डालना है कि हम किस तरह इनकी लिए सार्थक काम और सम्मानजनक रोजगार स्थायी मार्ग दे सकते हैं।

प्रतिभागी वक्ताओं का विचार था कि हाशिए पर रहने वाले सभी दिव्यांग जनों की लिए गंभीर व निरंतर रोजगार अवसरों की आवश्यकता वास्तविक समझी जानी चाहिए. ख़ास बेस्ट यह हसि कि यह आवश्यकता और निरंतर बढ़ती जा रही है। इनके लिए ऐसे रोजगार मॉडल की आवश्यकता है जो वास्तविक विकास, सार्थक योगदान और नेतृत्व को बढ़ावा देकर इन्हें आत्म निर्भर बना सकें।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि इस दिशा में साहस फाउंडेशन जैसी संस्थाएं अपने जमीनी काम से आशा की एक किरण जगाती हैं कि मजबूत पारिवारिक संबंध सीधे रुओ में इस तरह के मॉडलों में अपना सहयोग दे सकते हैं। सलाह और समुदाय-आधारित रोजगार और सामाजिक उद्यम इनकी उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने में सक्षम हो सकता है.

साहब नक़वी ने जोर देकर कहा कि हम दिव्यांग व्यक्तियों, उनके परिवारों, समुदाय के सदस्यों, चिकित्सकों, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और अधिक समावेशी और समतापूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध उनका हार्दिक स्वागत करते हैं।

प्रतिभागी वक्ताओं ने इस संदर्भ में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को सामने रखते हुए अपने कई निजी अनुभवों को भी साझा किया. उनका एक मत विचार था कि इस ज़रूरी बातचीत में सामूहिक विमर्श की जरिये दिव्यांग जनों की हित में सामूहिक रूप से ऐसी व्यवस्थाओं की कल्पना करना और उन्हें आकार देना शुरू करना सर्वथा उचित होगा जहाँ उन्हें समुचित समर्थन, सम्मान और अवसर एक साथ मिल सके.

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इस अवसर पर संजय जोशी, शीबा चौधरी, अम्बिका धस्माना, मंजू गुसाईं, आदि लोगों ने भी अपने विचार रखे. इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव उत्तराखंड विभा पुरी दास, केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी,बीजूनेगी, सुंदर सिंह बिष्ट, प्रतिमा राणा,नवीन उपाध्याय, बी एस रावत,,अनीता रावत, पूर्ण सिंह, जे पी चमोला, स्वाती गुसाईं,देवेंद्र कांडपाल, मेघा, सुषमा भंडारी, पावन बिष्ट,राकेश कुमार, आलोक सरीन सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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