उत्तराखंड
Kanwar Yatra 2022: कांवड़ यात्रा शुरू, उत्तराखंड आने से पहले पढ़ लें ये नियम, वरना नहीं मिलेगी एंट्री…
Kanwar Yatra 2022: उत्तराखंड में 14 जुलाई यानि आज से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो गई है। कांवड़ यात्रा के लिए प्रशासन मुस्तैद है। चप्पे चप्पे पर पुलिस पैनी नजर रख रही है। कांवड़ यात्रियों के लिए कई नियम बनाएं गए है साथ ही रूट डायवर्ट किया गया है। कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया है। यात्रा के दौरान शांति एवं सद्भाव बना रहे इसके लिए उत्तराखंड पुलिस ने कांवड़ियों के लिए दिशा-निर्देश एवं कुछ पाबंदियां लगाई हैं। अगर कोई इन नियमों का उल्लघंन करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
जानिए कांवड़ यात्रा के नियम और शासन की तैयारी
- उत्तराखंड में यात्रा के दौरान कांवड़िये अपने साथ त्रिशूल, तलवार एवं अन्य नुकसान पहुंचाने वाले उपकरण लेकर नहीं चल सकेंगे।
- जिलों के आउटपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों को ऐसे धार्मिक प्रतीक चिन्ह एवं वस्तुएं जिनसे नुकसान पहुंचने की आशंका हो, उन्हें जब्त करने का निर्देश दिया गया है।
- कांवड़ यात्रा के दौरान तलवार, त्रिशूल एवं लाठी लेकर चलने पर रोक रहेगी। जिलों के सभी पुलिस स्टेशनों एवं आउटपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों को ऐसी वस्तुएं जब्त करने का निर्देश दिया गया है।
- उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के रूट को लेकर पुलिस ने ऐप तैयार किया है। इस ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन करने से कांवड़ियों को कई प्रकार की सुविधाएं मिल सकेंगी।
- रूट प्लान से लेकर गाड़ियों की पार्किंग सुविधाओं के बारे में भी इस ऐप में जानकारी है। कांवड़ियों से स्वेच्छा से रजिस्ट्रेशन करवाने की अपील की गई है ताकि आपात स्थिति में उन्हें ट्रैक किया जा सके।
- हाईवे पर14 से 19 जुलाई तक भारी वाहन बंद रात 12 बजे से सुबह 5 बजे के बीच ही चल सकेंगे।
- 20 से मेला समाप्ति तक हरिद्वार, दिल्ली, हरिद्वार देहरादून हाईवे पर पूरी तरह से भारी वाहन बंद कर दिए जाएंगे।
- छोटे वाहनों के लिए भीड़ बढ़ते ही ट्रैफिक प्लान लागू किया जाएगा।
- कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ रही शराब की दुकान का रास्ता बदला जाएगा। पीछे की तरफ काउंटर लगेंगे।
- कावंडियों के वाहन निर्धारित पार्किंग में खड़े होंगे। बताया जारहा है कि ब्रह्मनंद मोड से शिवानंद गेट पर बैरिकेडिंग लगा दी गई।
- कावंडियों के भारी वाहन ढालवाला स्थित चंद्रभागा नदी के किनारे, खारास्रोत और पूर्णानंद पार्किंग में खड़े कराए जाएंगे। इससे शहर के अंदर जाम की समस्या से नहीं होगी।
- गंगा में डूबने की घटनाएं रोकने के लिए सुरक्षित घाटों पर कांवड़ियों को स्नान और जल भरने की इजाजत होगी।
- सिंचाई विभाग को सुरक्षित घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम करने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि कोरोना संकट की वजह से 2020 और 2021 में कांवड़ यात्रा नहीं हो सकी लेकिन इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर भगवान शंकर के भक्तों में खासा उत्साह है। इसे देखते हुए देव नगरी उत्तराखंड में भारी संख्या में कांवड़ियों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि इस बार 5 से 6 करोड़ कांवड़िए राज्य में पहुंच सकते हैं। ऐसे में हर हर महादेव सेवा मंडल बाबा कांवड़ शिविर का आयोजन कर रहा है। जिसमें कांवड़ियों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी। इस बात पर शिविर में एक साथ करीब दो हजार कांवड़ियों के विश्राम की व्यवस्था भी है।
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