उत्तराखंड
Big Breaking: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत योगी सरकार को घेरने पहुंच रहे हैं लखीमपुर खीरी, सैकड़ो कार्यकर्ताओं संग हुए रवाना…
देहरादून: लखीमपुर हिंसा से सियासत गर्मा गई है। उत्तराखंड में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ सैकड़ों कांग्रेसी विरोध मार्च के तहत लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तराखंड कांग्रेस ने किसानों की कुचलकर जघन्य हत्या कर दिए जाने की घटना के मद्देनज़र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त किए जाने और उनके बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार किए जाने की मांग उठाई है। इसी मांग को लेकर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष गोदियाल के आह्वाहन पर हरीश रावत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता गुरुवार को बाजपुर से लखीमपुर खीरी तक विरोध मार्च निकाल रहे हैं। यदि इस दौरान उन्हें रोका जाएगा तो वह गिरफ्तारी देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कि उत्तराखंड से लखीमपुर खीरी के लिए हरीश रावत के साथ भारी संख्या में कांग्रेसी रवाना हो गए हैं। 1000 से ज़्यादा वाहनों में भरकर कांग्रेसी विरोध मार्च निकालने के लिए कालाडूंगी, बाजपुर और किच्छा होते हुए लखीमपुर पहुंचेंगे। इससे पहले हरीश रावत ने बुधवार रात रामनगर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि किसानों की हत्या की सूचना पर लखीमपुर खीरी जा रही पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने के विरोध में कांग्रेस ने सीतापुर मार्च का आह्वान किया था। इस कांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके पुत्र की संलिप्तता सामने आने पर कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी मार्च का निर्णय लिया है। कांग्रेस तीनों काले कानूनों को निरस्त कराने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखेगी। रावत ने आरोप लगाया कि विरोध को दबाने के लिए भाजपा सरकार दमनात्मक रवैया अपनाए हुए है। यूपी और उत्तराखंड में सरकार की निरंकुशता के कारण लोकतंत्र खतरे में है।
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