हरिद्वार
ठेंगे पर नियमः उत्तराखंड में आम को सजा, नेता उड़ा रहे चुनावी कैंपेन में कोरोना नियमों की धज्जियां…
हरिद्वारः उत्तराखंड में चुनावी समर चल रहा है। कोरोना के खतरे के बीच नियमों को ठंगे पर रखा जा रहा है। आम को सजा मिल रही है तो नेता धडल्ले से बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के चुनाव प्रचार में जुटे हुए है। भीड़ इक्कट्ठी की जा रही है। पुलिस चौक चौराहों पर आम लोगों का खूब चालान कर रही है, लेकिन इन खास लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रही है। ऐसे में पुलिस प्रशासन पर भी सवालियां निशान खड़े हो रहे है।
बता दें कि राज्य में कोरोना मामलों में कमी आई है। लेकिन तीसरी लहर के प्रकोप में चुनाव प्रचार के दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से कई ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है, लेकिन कहीं भी इन गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने चंद लोगों के साथ चुनाव प्रचार करने की अनुमति दी है, लेकिन गली मोहल्लों में तमाम पार्टियों के प्रत्याशी पूरी भीड़ के साथ घर घर जा रहे हैं। यह प्रत्याशी न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही कोई मास्क का ही प्रयोग कर रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी दूसरी लहर में कहर बरपा चुकी है. अब तीसरी लहर के परवान चढ़ने पर सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की, लेकिन चुनावी सीजन में इन नियमों की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं। आम लोगों पर कई नियम थोपे गए हैं। ऐसे में अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ चालान की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन नेताओं और उनके समर्थकों पर शायद ही कोई नियम लागू होता हो. ऐसा चुनावी कैंपेन में बिना मास्क के भीड़ को देखकर लग रहा है। आलम ये है कि यह सब पुलिस प्रशासन की नजरों के सामने हो रहा है, लेकिन पुलिस प्रशासन भी कार्रवाई करने से लाचार नजर आ रहा है। पुलिस भी इन नेताओं पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। वहीं अधिकारी कार्रवाई करने की बात कर रहे है।
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