देहरादून
देवास्थानम बोर्डः आक्रोशित तीर्थपुरोहितों ने किया सचिवालय घेराव, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की…
देहरादून:उत्तराखंड में चुनाव नजदीक आ रहा है ऐसे में मुद्दे भी गर्मा रहे है। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधामों के तीर्थ पुरोहितों ने शनिवार को उत्तराखंड सचिवालय का कूच किया है। इस दौरान उन्हें पुलिस ने पहले ही बैरिकेड लगाकर रोक लिया। उनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।इसके बाद तीर्थ-पुरोहित वहीं धरने पर बैठ गए। देवास्थानम बोर्ड के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में उनके साथ बैठे। वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भी तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में पहुंचे और वहीं पर धरना दिया। साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
आपको बता दें कि चारों धामों से जुड़े तीर्थ पुरोहित आक्रोश दिवस, अभिशाप दिवस और काला दिवस मना रहे हैं। प्रदर्शनकारी बाहों में काली पट्टी बांधकर 1 सूत्री मांग को लेकर लामबंद हैं. चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत ने स्पष्ट किया है कि देवस्थानम प्रबंधन एक्ट 2019 को राज्य सरकार रद्द करें, महापंचायत को इसके अलावा कुछ और मंजूर नहीं है। बोर्ड को भंग किए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी मुखर हैं। इसी कड़ी में तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों ने आज गांधी पार्क पर एकत्रित हुए उन्होंने नारेबाजी करते हुए सरकार से इस काले कानून को वापस लिए जाने की मांग की।
वहीं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि अब जब बीजेपी ने सामने 2022 की चुनौती है, तब वे पुनर्विचार किए जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने इसे अजीब इत्तेफाक बताया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने तीन कृषि कानूनों की वापसी पर भी सरकार पर निशाना साधा। प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्री की मोदी सरकार किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून लाई थी। इसके लिए किसानों ने एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया। तब पीएम मोदी ने साफ किया था कि यह कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, लेकिन जैसे ही पांच राज्यों में चुनाव नजदीक आए और इंटेलिजेंस ने सरकार को आगाह किया की पांचों राज्यों में बीजेपी सफा हो जाएगी तो केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 पहाड़ी खबरनामा के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें
👉 पहाड़ी खबरनामा के फेसबुक पेज़ को लाइक करें