देहरादून
गजब: देहरादून के इस मशहूर अस्पताल की पहली बारिश में ही टपकने लगी 42 करोड़ की इमारत…
देहरादून: उत्तराखंड में सरकार लगातार विकास के नाम पर अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए लगातार योजना, भवनों, सड़कों का लोकार्पण, शिलान्यास और उद्घाटन कर रही है। नई-नई इमारत बना रही है। लेकिन उतनी ही तेजी से घटिया निर्माण कार्यों की पोल खुल रही है। कोई भी निर्माण लंबे समय तक नहीं टिक पा रहा है। राज्य में बनी सड़कों की बात की जाए, पुलों की बात की जाए या इमारतों की सबमें खामियां नजर आ रही है। इसी कड़ी में अब देहरादून के कोरेनेशन अस्पताल का नाम जुड़ गया है।
बता दें कि कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 42 करोड़ की लागत से बनी नवनिर्मित 4 मंजिला इमारत की छत पहली बारिश में ही टपकने लगी है और दीवारों में सीलन आ गई है। बारिश का पानी फ्लोर पर आ गया है। जिससे कार्यदाई संस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं कोरोनेशन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर शिखा जंगपांगी ने कार्यदाई संस्था को भवन की फिनिशिंग के अलावा बाकी अन्य अधूरे निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदाई संस्था को पानी को रोकने के लिए 6 दिन का समय दिया है। जिसके बाद आनन-फानन में कार्यदाई संस्था पेयजल निगम सीलन को दूर करने में जुट गया है।
गौरतलब है कि कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी अस्पताल को मिलाकर जिला अस्पताल बनाया गया है। ऐसे में अस्पताल के संरचनात्मक ढांचे का भी विस्तार किया गया। इस क्रम में कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 100 बेड का नया भवन भी तैयार किया गया। जिसका लोकार्पण तत्कालीन सीएम ने बीती नौ अप्रैल को किया था। इस नए भवन में आधुनिक पैथोलाजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, आइसीयू, माड्यूलर ओटी, बर्न यूनिट आदि की व्यवस्था है, लेकिन दिक्कत यह कि कार्यदायी संस्था के भवन को अस्पताल के लिए हस्तांतरित नहीं किए जाने से मरीजों को इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
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