उत्तराखंड
इंसिडेंट: भर्ती होने गए युवा की मौत, तो एक की हुई किडनी ख़राब, पढ़िए…
देहरादूनः उत्तराखंड में बेरोजगारी दर किसी से छुपी नहीं है। प्रदेश का युवा नौकरी के कारण ही पलायन करने को मजबूर है। पलायन और बेरोजगारी दोनो ही राज्य की बड़ी समस्या है। युवा नौकरी पाने के लिए अपना खून पसीना एक कर देते है। लंबे समय के बाद सरकार ने लंबे समय से अटकी हुई भर्ती प्रक्रिया शुरू तो की लेकिन युवाओं के लिए पानी तक की व्यवस्था तक नहीं की है। नौकरी पाने की आस में एक युवक अपनी जान गवां बैठा तो दूसरे की किडनी ही खराब हो गई।
आपको बता दें कि UKSSSC की ओर से आयोजित उत्तराखंड फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में फिजिकल टेस्ट के दौरान कैंडिडेट्स को 25 किलोमीटर की लंबी दौड़ पूरी करनी है। लेकिन इस लंबी दौड़ के दौरान उन्हें पानी तक नसीब नहीं है। नौकरी पाने के लिए ये लंबी दौड़ लगाते हुए उत्तरकाशी धनारी के ग्राम बगसारी निवासी विनय मटूड़ा अचानक बेहोश हो गए। आनन-फानन में उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां जांच में पता चला कि डिहाइड्रेशन के कारण इनकी दोनों किडनी प्रभावित हो गयी। वहीं दूसरी और चमोली जिले के गोपेश्वर निवासी सूरज प्रकाश पुत्र मनसुतलाल ने भी नौकरी की चाह में फॉरेस्ट गार्ड का फिजिकल टेस्ट दिया। नौकरी की चाहत में उन्होंने 25 किलोमीटर की लंबी दौड़ भी लगाई। दौड़ में वह सफल जरूर हुए मगर उनको नौकरी नहीं बल्कि मृत्यु मिली। दौड़ पूरी करने के बाद अचानक ही युवक की हालत बिगड़ने लगी जिसके बाद उसको दून अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद से ही युवक के घर में कोहराम मचा हुआ है और उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
वहीं पूर्व गंगोत्री विधायक विजयपाल सजवाण ने आयोग और सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भर्ती प्रक्रिया के नियम पहले ही विवादित रहे हैं। 25 किलोमीटर की मैराथन जैसी दौड़ में अभ्यर्थियों को पानी की सुविधा तक नही दी गयी। इस प्रकार की घटना पर उन्होंने इन युवकों को सरकार की ओर से उचित सहायता राशि दिए जाने की मांग की भी है और संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।
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