देहरादून और हरिद्वार में अवैध दवा कारोबारियों पर शिकंजा, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
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देहरादून और हरिद्वार में अवैध दवा कारोबारियों पर शिकंजा, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार

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देहरादून और हरिद्वार में अवैध दवा कारोबारियों पर शिकंजा, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार

देहरादून और हरिद्वार में अवैध दवा कारोबारियों के खिलाफ औषधि विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। एक ओर जहाँ हरिद्वार में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में मिथ्या छाप दवाइयां बरामद की गईं, वहीं देहरादून में एक मेडिकल स्टोर और आवासीय परिसर पर छापेमारी के दौरान मुख्य आरोपी परिवार समेत फरार मिला। दोनों मामलों में उत्तराखंड औषधि विभाग ने स्वास्थ्य सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हरिद्वार के रूड़़की मकतूलपुर क्षेत्र में छापामार कार्रवाई
सूचना के आधार पर उत्तराखंड औषधि विभाग की वरिष्ठ औषधि निरीक्षक हरिद्वार अनिता भारती एवं औषधि निरीक्षक अमित आज़ाद ने प्राप्त सूचनाओं के आधार पर हरिद्वार के रूड़़की मकतूलपुर क्षेत्र में अलग-अलग 4 जगहों पर छापामार कार्रवाई की गई। जिसमें उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने आज मिथ्या छाप दवाओं के कारोबार से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश किया। इस कार्रवाई में नरेश धीमान और योगेश गुलाटी नामक दो वांछित आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया। छापेमारी के दौरान कैडिला कंपनी की दवाएं जैसे Oxalgin-DP (Diclofenac Sodium and Paracetamol) की 11,000 टैबलेट्स, Zoryl-M1 समेत अन्य ब्रांडेड दवाएं भारी मात्रा में जब्त की गईं। साथ ही आरोपी योगेश गुलाटी के घर से दवा निर्माण में प्रयुक्त कच्चा माल भी बरामद हुआ। मौके पर कैडिला कंपनी के प्रतिनिधि श्री राठी को बुलाया गया, जिन्होंने पुष्टि की कि यह दवाएं कंपनी द्वारा अधिकृत नहीं थीं। सूचना के आधार पर कार्रवाई की अगुवाई वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनिता भारती (हरिद्वार) एवं औषधि निरीक्षक अमित आज़ाद ने की। जब्त दवाओं को फॉर्म-16 पर सील कर जांच हेतु प्रयोगशाला भेजा गया है।

अन्य सहयोगियों की तलाश में छापेमारी
पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम द्वारा आरोपियों से पूछताछ जारी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह गिरोह देश के कई हिस्सों में सक्रिय है और नामी कंपनियों की मिथ्या छाप दवाएं बाजार में बेचने का कार्य कर रहा था। इस कार्रवाई से प्रदेश में मिथ्या छाप दवाओं के व्यापार पर करारा प्रहार हुआ है और यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि औषधि विभाग और कानून-व्यवस्था के रखवाले जनस्वास्थ्य के खिलाफ किसी भी तरह की साजिश को सफल नहीं होने देंगे।

देहरादून में औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई
देहरादून में औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, निरीक्षक निधि रतूड़ी एवं विनोद जागीरी ने प्राप्त सूचनाओं के आधार पर मिथ्या छाप दवाइयां और स्प्यूरियस दवाओं के क्रय-विक्रय में संलिप्त अंतरराज्यीय गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की गई है। प्राप्त सूचनाओं एवं शिकायतों के आधार पर देहरादून के कारगी ग्रांट स्थित मेसर्स ओंकार विकास मेडिकोज, जिसका संचालन दिले राम पुत्र सोहनाथ सिंह, निवासी लेन नंबर 08, देव ऋषि एनक्लेव, निकट पटेल नगर कोतवाली देहरादून द्वारा किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान दुकान एवं आवास दोनों पर ताले लगे पाए गए। आसपास पूछताछ करने पर यह जानकारी मिली कि दिले राम अपने पूरे परिवार सहित फरार हो गया है। उसके मोबाइल नंबरों पर संपर्क का प्रयास भी असफल रहा क्योंकि सभी नंबर बंद पाए गए।

कंपनियों के नाम पर नकली औषधियों की बिक्री
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, आरोपी दिले राम देश के विभिन्न राज्यों में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के नाम पर मिथ्या छाप औषधियों की बिक्री करता रहा है और कई राज्यों में वांछित भी है। जन स्वास्थ्य और प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मेसर्स ओंकार विकास मेडिकोज को मौके पर सील कर दिया गया है, ताकि फर्म में संग्रहित दवाओं को बाजार में न बेचा जा सके। विभाग द्वारा इस मामले की गहन जांच की जा रही है और शीघ्र ही आरोपी के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी इसी फर्म पर संदेह के आधार पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें 6 संदिग्ध दवाओं के नमूने लिए गए थे, परंतु जांच में वे सही पाए जाने के कारण उस समय पुख्ता सबूत के अभाव में आगे कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी।

सेलाकुई स्थित दवा निर्माण कंपनी पर भी छापा
सेलाकुई स्थित डॉ. मित्तल लेबोरेट्रीज़ प्राइवेट लिमिटेड पर भी छापामारी की गई। हालांकि छापे के वक्त कंपनी संचालित नहीं मिल पाई, लेकिन पूर्व में इसी कंपनी पर हुई कार्रवाई में भारी अनियमितताएं पाई गई थीं। जिसके फलस्वरूप कंपनी का औषधि निर्माण लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति विभाग द्वारा की गई है। इस संपूर्ण कार्रवाई का नेतृत्व औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा द्वारा किया गया, जिसमें निरीक्षक निधि रतूड़ी एवं विनोद जागीरी भी सम्मिलित रहे।

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दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी- ताजबर सिंह
अपर आयुक्त व औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा विभाग को जैसे ही जानकारी प्राप्त हुई, हमने तत्काल पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई की। यह इस बात का प्रमाण है कि जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए औषधि विभाग पूरी तरह सतर्क और प्रतिबद्ध है। मिथ्या छाप दवाइयां, स्प्यूरियस और बिना लाइसेंस की औषधियों के निर्माण एवं वितरण में लिप्त किसी भी व्यक्ति या संगठन को बख्शा नहीं जाएगा। यह न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह आमजन के जीवन से भी खिलवाड़ है। जब्त दवाओं की परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अन्य राज्यों के औषधि नियंत्रकों से समन्वय कर इस नेटवर्क की जड़ तक पहुँचने का प्रयास जारी रहेगा।

नेटवर्क का विस्तार देश के अन्य हिस्सों तक
औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा प्रारंभिक पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि यह गिरोह केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं था, बल्कि देश के कई राज्यों में मिथ्या छाप दवाएं सप्लाई कर रहा था। पुलिस और औषधि विभाग की टीमें अब अन्य सहयोगियों और संभावित ठिकानों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं। औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा इस कार्रवाई से एक स्पष्ट संदेश गया है जनस्वास्थ्य के खिलाफ किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को राज्य सरकार और संबंधित विभाग सख्ती से निपटेंगे।

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