उत्तराखंड
इंसानियत: अनाथ बच्चों के मामा बने CM धामी, मंत्री रेखा बनी बुआ, मिल गया सहारा…
देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना महामारी ने बहुत से अपनों से अपनों को दूर कर दिया। हजारों बच्चे अनाथ हो गए। अनाथ बच्चों के लिए सरकार ने हाथ बढ़ाया और वात्सल्य योजना शुरू कर दी है। कोरोना में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के मामा बने है सीएम धामी और मंत्री रेखा आर्य बुआ बनी है। योजना का शुभारंंभ करते हुए सीएम धामी ने कहा कि वात्सल्य सिर्फ माता पिता का ही वात्सल्य है। मुझे वात्सल्य योजना के बच्चे मामा कहे। सरकार बच्चो की हर मदद को तैयार है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान कहा कि हम जीवन की भरपाई नही कर सकते लेकिन हम संभव प्रयास करेगे। मेरी मेरी भगवान से प्रार्थना है कि अब कोई बच्चा अनाथ न हो ये आंकड़े यहीं रुक जाए। उन्होंने कहा कि मां मामा बन कर तो कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य बुआ बन कर बच्चों लाभान्वित करने का काम करेंगे। कोविड-19 व अन्य बीमारियों से माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु से प्रभावित बच्चों के कल्याण के लिए सरकार ने महत्वकांशी योजना की शुरूआत कर दी है। पहले चरण में लाभार्थी बच्चों को प्रत्येक माह 3 हज़ार रुपये मिलेंगे। सभी लाभार्थी बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनकी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं की जाएगी। बच्चों के सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल , पुनर्वास , चल-अचल संपत्ति एवं उत्तराधिकारों की रक्षा के लिए नामित किया गया है।
गौरतलब है कि योजना के तहत प्रथम चरण में 1062 बच्चों को माह जुलाई की तीन हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। जिलेवार लाभान्वित बच्चों में अल्मोड़ा से 49, बागेश्वर से 22, चमोली से 28, चंपावत से 59, देहरादून से 123, हरिद्वार से 70, नैनीताल से 146, पौड़ी से 122, रुद्रप्रयाग से 54, उद्यमसिंहनगर से 79, टिहरी से 132, पिथौरागढ़ से 41 और उत्तरकाशी से 137 बच्चे शामिल हैं।
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