उत्तराखंड
सुप्रीम फैसलाः कश्मीर में 370 अस्थायी व्यवस्था थी, मोदी सरकार के फैसले पर कोर्ट की मुहर…
सुप्रीम कोर्ट आज अनुच्छेद 370 से जुड़ा महत्वपूर्ण फैसला सुना दिया। आर्टिकल 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर ये फैसला है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ सोमवार को फैसला सुनाया। इस पीठ ने 16 दिन तक सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। SC के फैसले को देखते हुए जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।’
जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने फैसले में कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी व्यवस्था थी। आर्टिकल 373 भी वैलिड है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए वहां जल्दी से चुनाव कराया जाना चाहिए। लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला सही है। जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराए जाएं। केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करना सही नहीं। आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रस्ताव था। राष्ट्रपति का आर्टिकल 370 हटाने का फैसला सही था।
आर्टिकल 356 में राष्ट्रपति को राज्य में बदलाव करने का अधिकार है। इस अधिकार के तहत राष्ट्रपति किसी प्रकार की कार्रवाई कर सकते हैं। जस्टिस कौल ने कहा कि केंद्र सरकार ने खुद कहा कि जम्मू-कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद के द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा को निलंबित रखा गया है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बरकरार रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने इस बारे में बयान दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश के तौर पर बरकरार रहेगा। कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वो जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तैयारी करे। ताकि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल जाए।
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