संकट: यूक्रेन में उत्तराखंड के कई छात्र बेसमेंट में कैद, कई पैदल ही पोलैंड बॉर्डर की तरफ निकले... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
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संकट: यूक्रेन में उत्तराखंड के कई छात्र बेसमेंट में कैद, कई पैदल ही पोलैंड बॉर्डर की तरफ निकले…

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संकट: यूक्रेन में उत्तराखंड के कई छात्र बेसमेंट में कैद, कई पैदल ही पोलैंड बॉर्डर की तरफ निकले…

देहरादूनः उत्तराखंड के 188 छात्र रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच अभी भी वहां फंसे हुए हैं। दिलदहला देने वाले हालातों के बीच अब छात्रों के सब्र का बांध टूटने लगा है। यहां परिजनों का बुरा हाल है। छात्र और परिजन  छात्रों का कहना है कि भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी तो जारी कर दी कि सब छात्रों को पोलैंड और हंगरी के बॉर्डर से ले जाया जाएगा लेकिन तीन दिन बाद भी अभी तक कोई उनकी मदद के लिए नहीं पहुंच पाया है। वहीं, बाहर बम धमाकों की आवाजें उन्हें हर पल बेचैन कर रही हैं। तो वहीं, अब छात्रों के सामने खाने-पीने का भी संकट खड़ा हो गया है। अब छात्रों का कहना है कि जितनी जल्दी हो सके। उन्हें सुरक्षित यूक्रेन से निकाला जाए।

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यूक्रेन के खारकीव में फंसे उत्तराखंड के पुरोला के विनायक थपलियाल, देहरादून की अनुष्का पंत, कौशी भट्ट, नैनीताल की सौम्या गौड़ और अस्मिता थपलियाल तीन दिन से होस्टल के बेसमेंट में कैद हैं। बड़ी मुश्किल से आज कुछ खाने का सामान खरीद पाए हैं। बेसमेंट में हर एक पल काटना मुश्किल हो रहा है। वहीं, लीविव में फंसे उत्तराखंड के सूर्यांश बिष्ट अपने दोस्तों के साथ पोलैंड के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं, क्योंकि पोलैंड बॉर्डर पहुंचने के लिए यूक्रेन से कई गाड़ियां जा रही हैं, जिस कारण वहां पर करीब 25 से 30 किमी का लंबा जाम लग गया है। इस कारण अब छात्र पैदल ही पोलैंड बॉर्डर के लिए निकल पड़े हैं, जिससे कि वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें। परिवारों का कहना है कि बच्चे यूक्रेन में हो रहे हमलों से डरे हुए हैं।

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वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जानकारी दी है कि यूक्रेन में उत्तराखंड के 188 छात्र फंसे हैं। मुख्यमंत्री का दावा है कि लगातार अपने राज्य के छात्रों को सकुशल वापस वतन लाने के लिए भारत सरकार ही नहीं बल्कि विदेश मंत्रालय के साथ भी सामंजस्य बनाया हुआ है। सीएम के अनुसार उत्तराखंड में नोडल और सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है, जो उत्तराखंड के सभी जनपदों से यूक्रेन में फंसे छात्रों और नागरिकों का डाटा एकत्रित कर रहे हैं।फिलहाल, 188 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की लिस्ट बन चुकी है।

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