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फिर बढ़ सकती है आपके लोन की EMI, महंगाई बनी वजह, जानिए पूरी खबर…
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी ने तीन बार से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें बढ़ोतरी हो सकती है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसके संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि अगर खानेपीने की चीजों के कीमत में तेजी का ओवरऑल महंगाई पर असर पड़ता है तो रेपो रेट में बढ़ोतरी हो सकती है।
उनका कहना है कि खानेपीने की चीजों की कीमतों के आगे भी व्यापक महंगाई पर दबाव बनाने और महंगाई बढ़ने को लेकर जो आशंका है, उसे नियंत्रित करने के लिए जोखिम को पहले से ही भांपने तथा उससे निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। रेपो रेट बढ़कर 6.5 परसेंट हो गया है। इससे होम लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं। हाल में खासकर सब्जियों की कीमत में काफी तेजी आई है। इससे जुलाई में खुदरा महंगाई 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। इससे रेपो रेट में कमी की उम्मीदें भी कम हो गई हैं, हालांकि भारत में महंगाई दर अब भी भारतीय रिजर्व बैंक की महंगाई की तय सीमा के भीतर है, लेकिन लगातार बढ़ने से चिंता का विषय बनी हुई है।
बता दें कि एमपीसी की आठ से 10 अगस्त तक हुई मीटिंग के गुरुवार को जारी ब्योरे के मुताबिक दास ने खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी से महंगाई पर पड़ने वाले असर की आशंका के चलते नीतिगत दर रेपो को यथावत रखने का विकल्प चुना। दास ने कहा, ‘महंगाई रोकने का हमारा काम अभी पूरा नहीं हुआ है। सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर मौद्रिक नीति खुदरा महंगाई पर इसके प्रारंभिक प्रभाव के असर को देख सकती है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। केंद्रीय बैंक का इसे चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य है, ऐसे अनुमान जताया जा रहा है कि अगर महंगाई कम नहीं होती है तो रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है। ऐसे में आपके लोन की EMI भी बढ़ सकती है जिसे लेकर आपको तैयार रहने की आवश्यकता है।
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