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Big News: ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ की घोषणा, अब सिर्फ चार साल के लिए होगी सेना में भर्ती, 6.9 लाख का मिलेगा पैकेज…
दिल्लीः भारतीय सेना में भर्ती को लेकर बड़ा अपडेट आया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ की घोषणा कर दी। इस ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत अब तीनों सेनाओं में 4 साल के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी । अग्निपथ स्कीम के तहत सेना के तीनों अंगों में पहले साल 45 हजार से ज्यादा युवाओं की भर्ती हो सकती है। दो सप्ताह पहले जल, थल और वायु सेना प्रमुखों ने अग्निपथ योजना के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया था। योजना की घोषणा के समय तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। इस स्कीम के लागू होने से भारतीय सेनाओं की एवरेज एज प्रोफाइल 35 साल से घटकर 25 साल हो जाएगी।
10 हफ्ते से 6 महीने तक की होगी ट्रेनिंग
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अग्निपथ भर्ती योजना के तहत सेना में 4 साल के लिए युवाओं को भर्ती किया जाएगा। उन्हें अग्निवीर सैनिक कहा जाएगा। इसके साथ ही उन्हें सेवा का कार्यकाल समाप्त होने पर सेवा निधि पैकेज मिलेगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 75 फीसदी अग्निवीर सैनिकों को 4 साल बाद सेवा मुक्त कर दिया जाएगा, अन्य 25 प्रतिशत अति प्रतिभाशाली युवाओं को सेनाएं रिटेन करेंगी। 17.5 साल से 21 साल तक की उम्र वाले युवा इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। उनकी ट्रेनिंग 10 हफ्ते से 6 महीने तक की होगी। 10/12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे। जो युवा 10वीं के बाद भर्ती होंगे उन्हें सेना की ओर से 12वीं का सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
सिविल सेक्टर में आजमा सकेंगे किस्मत
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भारत की थल सेना , जल सेना और वायु सेना के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सेना के तीनों अंगों में अभी 1,25,364 रिक्तियां हैं। ऐसे में अग्निपथ प्रवेश योजना से सेना में शामिल हुए अग्निवीरों में टॉप माइंड्स की सेवा बढ़ा दी जाएगी। बाकी के सैनिक मात्र चार वर्ष की नौकरी के बाद सेना से हट जाएंगे और वो सिविल सेक्टर की नौकरियों के लिए किस्मत आजमा सकेंगे।इस योजना के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सैनिकों के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा। इसके बाद युवा सिविल सेक्टर की नौकरियों के लिए किस्मत आजमा सकेंगे।
नई भर्ती के लिए क्या होंगे नियम?
- सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी।
- चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा के बाद कुछ सैनिकों की सेवाएं आगे बढ़ाए जा सकती हैं। बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा।
- चार साल की नौकरी में छह-नौ महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी।
- रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी।
- खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजिमेंट में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी। यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा।
- योजना को हरी झंडी मिल गई है माना जा रहा है कि इस साल अगस्त के महीने से सेना (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्तियां शुरू हो जाएंगी।
दिवंगत जनरल बिपिन रावत ने दिया था आइडिया
आपको बता दें कि तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) सेना (Indian Army) के अधिकारियों के लिए टूर ऑफ ड्यूटी (Tour Of Duty) प्लान पर काम कर रहे थे जिसके तहत सेना में अधिकारियों को मात्र तीन साल के लिए सेवाएं देनी थी। लेकिन जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश (General Bipin Rawat Helicopter Crashes) में हुई मौत के बाद से ये योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। लेकिन सरकार अब अधिकारियों के साथ-साथ सैनिकों के पदों के लिए भी इसी तर्ज पर ‘अग्निवीर’ योजना ला रही है।
बताया जा रहा है कि कोविड के कारण सैन्य भर्तियों का काम बिल्कुल ठप पड़ गया था जिससे सेना में जवानों की संख्या में भारी कमी हो गई है। इस अग्निपथ योजना से सैन्य बजट का बड़ा हिस्सा हथियार प्रणाली के आधुनिकीकरण पर खर्च हो पाएगा तो दूसरी तरफ देशसेवा को उत्सुक युवाओं को अपना सपना पूरा करने का भी मौका मिलेगा। हालांकि, ऑफिसर रैंक की परीक्षाओं और कमीशनिंग पर कोई असर नहीं पड़ा है। लेकिन सैनिकों की भर्ती रुकने से देश के युवाओं में रोष है और इसको लेकर वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी रैलियों में भी अपना विरोध कर चुके है।
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