उत्तराखंड
विधानसभा के 3 दिवसीय मानसून सत्र समाप्त, यह विधेयक हुए पास, वित्त मंत्री के छलके आंसू…
उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
तीन दिवसीय बजट सत्र की कार्यवाही 21 घंटे 58 मिनट तक चली। सत्र के दौरान विधान सभा को 626 प्रश्न प्राप्त हुए, जिसमें स्वीकार 10 अल्पसूचित प्रश्न में 03 उत्तरित, 182 तारांकित प्रश्न में 28 उत्तरित, 392 आताराकिंत प्रश्न में 66 उत्तरित।
सूचनायें
नियम – 300 की प्राप्त सूचनाऐं – 42, स्वीकृत – 7, ध्यानाकर्षण – 23
नियम – 53 की प्राप्त सूचनाएँ – 30 – स्वीकृत 2
ध्यानाकर्षण – 17
नियम – 58 की प्राप्त सूचनाएँ- 12 स्वीकृत – 10 नियम – 310 की प्राप्त सूचनाऐं – 03 परिवर्तित 03
(58 में) याचिका – 5 स्वीकृत
अध्यादेश
1. उत्तराखण्ड माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2023
2. उत्तराखण्ड (संयुक्त प्रान्तीय रक्षक दल अधिनियम 1984) (संशोधन) अध्यादेश, 2023
3. उत्तराखण्ड निदेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) अध्यादेश, 2023
4. उत्तराखण्ड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान (संशोधन) अध्यादेश, 2023
विधेयक
1. उत्तराखण्ड विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक, 2023
2. उत्तराखण्ड सड़क संरचना सुरक्षा (संशोधन) विधेयक, 2023
3. वीर माधो सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2023 4. उत्तराखण्ड (संयुक्त प्रान्तीय रक्षक दल अधिनियम,
1948) (संशोधन) विधेयक, 2023
5. उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के चिन्हित आन्दोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक, 2023
6. उत्तराखण्ड विनियोग (2023-24 का अनुपूरक ) विधेयक, 2023
7. उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि
व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक,
2023
8. उत्तराखण्ड निरसन विधेयक, 2023
१. उत्तराखण्ड निवेश और आधारिक संरचना (विकास और विनियमन) विधेयक, 2023
10. उत्तराखण्ड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023
11. राज्य विश्वविद्यालय विधेयक उत्तराखण्ड, 2023
12. उत्तराखण्ड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान (संशोधन) विधेयक, 20:236
13. उत्तराखण्ड निजी विश्वविद्यालय विधेयक, 2023
14. उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि, अधिनियम, 1974) (संशोधन) विधेयक, 2023
सदन में राज्य आंदोलनकारियों के मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री हुए भावुक
बोले मैं भी हूं राज्य आंदोलनकारी, आंदोलन के दिनों को किया याद
सदन में राज्य आंदोलनकारियों/आश्रितों के आरक्षण के विषय पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल भावुक हो उठे। इस दौरान उनकी ऑखें आसूओं से नम हो गई।
डॉ अग्रवाल ने राज्य आंदोलन के दौरान विकट परिस्थतियों में सक्रिय सहभागिता को याद करते हुये सदस्य विनोद चमोली एवं भुवन कापड़ी आदि की भावनाओं से स्वयं को सम्बद्ध किया तथा बहुमत होते हुये भी राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं को सम्मान करने के लिये प्रस्तावित विधेयक को प्रवर समिति को सन्दर्भित करने का अनुरोध किया।
सदन के भीतर संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि वह भी स्वयं राज्य आंदोलनकारी रहे हैं। उन्होंने आंदोलन के दिनों को याद करते हुए बताया कि उन दिनों महिलाओं के साथ जो अत्याचार हुआ, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इतिहास के पन्नों में वह दिन सबसे दर्दनाक रहा।
उन्होंने डोईवाला में स्वयं के द्वारा राज्य आंदोलन में प्रतिभाग करते हुए तत्कालीन सत्ताधारी सपा पार्टी के द्वारा किये गए अत्याचारों को भी सदन के भीतर रखा। उन्होंने बताया कि आंदोलन में प्रतिभाग करने पर उन्हें डोईवाला चौक पर घसीट कर ले जाया गया।
डॉ अग्रवाल ने सदन के भीतर कहा कि वह मुजफ्फरनगर कांड के प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं, उसे दौरान उत्तराखंड वासियों के साथ अनहोनी हो गई थी। उन्होंने कहा कि उन दिनों को याद कर आज भी आंखें नम हो जाती हैं।
डॉ अग्रवाल ने सदन के भीतर उन राज्य आंदोलनकारी को याद करते हुए उस दौरान हुए शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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