देहरादून
Uttarakhand News: आज से रिवर राफ्टिंग बंद, रोमांच के शौकीनों को करना होगा इतना इंतजार, जानें वजह…
Uttarakhand News: तीर्थनगरी ऋषिकेश एडवेंचर प्रेमियों की पसंदीदा जगह है। दुनिया भर के लोग राफ्टिंग का स्वाद लेने के लिए ऋषिकेश की ओर आते हैं। पिछले कुछ सालों में ऋषिकेश रिवर राफ्टिंग के लिये पूरे उत्तर भारत में अपना नाम कमा चुका है। लेकिन मानसून के कारण आज से दो महीने से राफ्टिंग कर दी गई बंद है। एक जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक राफ्टिंग पर रोक रहेगी।
एक सितंबर से फिर होगा राफ्टिंग का संचालन
बताया जा रहा है कि मानसून की दस्तक के बाद गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मुनिकीरेती क्षेत्र में गंगा में होने वाली विश्व प्रसिद्ध रिवर राफ्टिंग रोक दी गई है। अब 2 महीने बाद राफ्टिंग के शौकीनों को एक बार फिर रिवर राफ्टिंग का मौका मिलेगा, तब तक इंतजार करना होगा। अगर आप भी रिवर राफ्टिंग के शौकीन है और इस सीजन में राफ्टिंग का लुफ्त उठा नहीं पाए तो थोड़ा इंतजार कीजिए, गंगा का जल स्तर कम होते ही सितंबर में बार फिर राफ्टिंग शुरू हो जाएगी । अब एक सितंबर से ही राफ्टिंग का संचालन शुरू होगा।
रिवर राफ्टिंग का प्रति व्यक्ति किराया
आपको बता दें कि यहां 280 राफ्टिंग कंपनियां हैं और 575 राफ्टों का संचालन उन कंपनियों के तहत किया जाता है। ऋषिकेश में क्लब हाउस से राम झूला तक की राफ्टिंग की जाती है जो कि 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसका प्रति व्यक्ति रेट 600 है। ब्रह्मपुरी से रामझूला तक भी 600 प्रति व्यक्ति रेट है और यह भी 9 किलोमीटर की दूरी तय करती है। शिवपुरी से राम झूला तक 15 किलोमीटर की दूरी के हजार रुपए हर एक व्यक्ति से चार्ज किए जाते हैं। शिवपुरी से मरीन ड्राइव तक 10 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से ₹600 चार्ज किए जाते हैं।
अधिक खतरनाक और रोमांचक रैपिड पड़ाव
कोडियाला से राम झूला तक 35 किलोमीटर की राफ्टिंग में 2500 चार्ज किए जाते हैं तो वहीं कोडियाला से शिवपुरी तक 20 किलोमीटर की राफ्टिंग में हर व्यक्ति से 1500 रुपए लिए जाते हैं। आपको बता दें कि कोडियाला से राम झूला तक तकरीबन 35 किलोमीटर के रास्ते में गंगा के सबसे अधिक खतरनाक और रोमांचक रैपिड पड़ाव पड़ते हैं और पर्यटक इनका खूब आनंद लेते हैं।
रोजाना 15 सौ पर्यटक ले रहे थे राफ्टिंग का आनंद
गौरतलब है कि हर साल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण रिवर राफ्टिंग को बंद कर दिया जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। एक जुलाई से लेकर 31 अगस्त तक राफ्टिंग पर रोक रहती है। बीते दिनों में राफ्टिंग के शौकीनों की भीड़ बढ़ती जा रही थी। सुबह से लेकर शाम तक करीब 15 सौ पर्यटक राफ्टिंग का आनंद उठा रहे थे।
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