PM मोदी के अमेरिका दौरे में इन पांच रक्षा समझौतों पर लगेगी मुहर, चीन एक पहुंचा कड़ा सन्देश... - Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा
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PM मोदी के अमेरिका दौरे में इन पांच रक्षा समझौतों पर लगेगी मुहर, चीन एक पहुंचा कड़ा सन्देश…

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PM मोदी के अमेरिका दौरे में इन पांच रक्षा समझौतों पर लगेगी मुहर, चीन एक पहुंचा कड़ा सन्देश…

नई दिल्ली : अमेरिका के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर गए पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बात हुई, जिसमें दोनों ही नेता कुल पांच समझौतों पर आगे बढ़ने को राजी हुए, इसमें रक्षा सौदों पर हुए समझौते आने वाले दिनों में भारत-अमेरिका एक दूसरे के अहम सहयोगी बना देंगे। बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ सालों में रक्षा संबंध बेहतर हुए हैं। अमेरिका भारत को चीन का मजबूत प्रतिद्वंदी मानता है। दोनों देश ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर क्वाड सुरक्षा समूह का भी हिस्सा हैं, जो चीन को कड़ा सन्देश देते हैं।

भारत-अमेरिका के बीच 5 अहम समझौते

1. दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पहले समझौते में भारत में निर्मित स्वदेशी विमान तेजस के लिए सेंकेड जनरेशन जीई-414 जेट इंजन के निर्माण पर दस्तखत किए हैं। इसके मुताबिक अमेरिका भारत की विमानन पार्ट उत्पादन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को तकनीकि ट्रांसफर करेगी और इन जेट इंजन के निर्माण में मदद करेगी।

2. दूसरे समझौते के मुताबिक, दोनों देश M-777 लाइट होवित्जर तोपों को अपग्रेड करने पर काम करेंगे। इन तोपों का निर्माण कहां किया जाएगा इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है।

3. तीसरे समझौते के मुताबिक दोनों देश स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों का साझा उत्पादन करेंगे। जिनमें से ज्यादातर का उत्पादन भारत में किए जाने की संभावना है। अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर बनाने का ऑफर दिया है, पीएम मोदी भी यही चाहते हैं इसलिए इस डील पर समझौता भारत के लिए सबसे बड़ी खबर है।

4. चौथे समझौते के मुताबिक, अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को दिए जाएंगे जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न सैन्य ऑपरेशन में इस्तेमाल कर सकेंगी। इन ड्रोन के उत्पादन का तकनीकि ट्रांसफर भारत को किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने पिछले हफ्ते अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन 31 MQ-9B की खरीदारी को हरी झंडी दी थी।

5. पांचवे समझौते के मुताबिक अमेरिका की दूर तक मार करने वाली बम मिसाइल का उत्पादन भी भारत में होगा। भारत चाहता है कि वो हवा से हवा में मार करने वाले अमेरिकी मिसाइल और लंबी रेंज वाले आर्टिलरी बम का निर्माण अपने देश में करे।

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